सीबीआई ने मायावती सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश की सरकारी चीनी मिलों को खरीदने के दौरान हुई कथित अनियमितता को लेकर एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि चीनी मिलों को बाजार दर से कम पर बेच दिया था, जिसके कारण सरकारी खजाने को 1,179 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
बसपा सरकार में चीनी निगम की 21 मिलों को बेचने में अनियमितता का आरोप है। इसमें 7 बंद पड़ी चीनी मिल भी शामिल हैं जिन्हें बेचा गया। यूपी की योगी सरकार ने 12 अप्रैल 2018 को चीनी मिलों की बिक्री में हुई गड़बड़ियों के मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
फर्जी दस्तावेज जमा कराने का है आरोप
सीबीआई ने उन सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम लिमिटेड की मिलों की खरीद के दौरान फर्जी दस्तावेज जमा किए थे। अधिकारियों के मुताबिक, राज्य सरकार ने 21 चीनी मिलों की बिक्री और देवरिया, बरेली, लक्ष्मीगंज, हरदोई, रामकोला, चिट्टौनी और बाराबंकी में बंद पड़ी सात मिलों की खरीद में फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। लखनऊ पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी।
छह में प्रारंभिक जांच शुरू
सीबीआई ने कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक एफआईआर दर्ज की है और छह प्रारंभिक जांच (पीई) शुरू की है। बसपा सरकार के दौरान हुए कथित चीनी मिल बिक्री घोटाले में सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन शाखा ने आईपीसी 420, 468, 471, 477ए और कंपनी एक्ट में मामला दर्ज किया है।