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सीबीआई ने एम्ब्रायर सौदे में कथित रिश्वतखोरी की जांच शुरू की

सीबीआई ने ब्राजील की कंपनी एम्ब्रायर से 20.8 करोड़ डॉलर के तीन विमानों की आपूर्ति के लिए बिचौलिये को कमीशन दिए जाने के आरोपों की तफ्तीश शुरू कर दी है। इसके लिए सीबीआई ने प्रीलिमनेरी इन्क्वायरी दर्ज की। हवाई निगरानी प्रणाली के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को इन विमानों की आपूर्ति करनी थी।
सीबीआई ने एम्ब्रायर सौदे में कथित रिश्वतखोरी की जांच शुरू की

सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने रक्षा मंत्रालय से मिले एक संदर्भ पर मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू कर दी। मंत्रालय ने कहा था कि कंपनी ने बिचौलिये की सेवा ली थी। सीबीआई के आरोपों से प्रथम दृष्टया अपराध सिद्ध करने के लिए शिकायत में पर्याप्त सामग्री ना होने पर एजेंसी प्रीलिमनेरी इन्क्वायरी दर्ज करती है।

प्रीलिमनेरी इन्क्वायरी दर्ज करने के बाद सीबीआई विभिन्न हितधारकों की जांच करती है, अपराध तक पहुंचने के लिए मामले से संबंधित सामग्री जुटाती है और फिर संदिग्धों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करती है। प्रीलिमनेरी इन्क्वायरी के दौरान एजेंसी ना तो बयान दर्ज कर सकती है और ना ही तलाशी ले सकती है। ब्राजील के एक अखबार ने सौदे में कमीशन दिए जाने के आरोपों का सबसे पहले दावा किया था। अखबार ने कहा कि एम्ब्रायर ने सउदी अरब और भारत में विमानों की आपूर्ति का सौदा हासिल करने के लिए बिचौलियों की सेवा ली थी।

भारत के रक्षा खरीद नियमों में इस तरह के सौदों में बिचौलियों पर कड़ी रोक है। ब्राजील के शीर्ष अखबार फोल्हा डी साओ पाउलो ने पिछले हफ्ते अपने खबर में कहा था कि एम्ब्रायर ने भारत के साथ 20.8 करोड़ डॉलर के सौदे को अंतिम रूप देने के लिए ब्रिटेन में रहने वाले एक रक्षा एजेंट को कमीशन दिए थे। डीआरडीओ ने 2008 में कंपनी से तीन विमान खरीदे थे और भारतीय वायु सेना के लिए त्वरित हवाई चेतावनी एवं नियंत्रण प्रणाली या एईडब्ल्यूसीएस के नाम से जाने जाने वाली हवाई रडार प्रणाली के तौर पर तैनात करने के लिए उनमें बदलाव किए।

अखबार ने दावा किया कि अमेरिकी न्याय विभाग भारत के साथ एम्ब्रायर के सौदे की जांच कर रहा है।

ब्राजील की कंपनी 2010 के बाद से अमेरिकी न्याय विभाग की जांच के घेरे में है। उस दौरान डोमिनिक गणराज्य के साथ एक अनुबंध से अमेरिका में संदेह उठे थे। तब से जांच में आठ और देशों के साथ व्यापारिक सौदों को शामिल कर लिया गया। आरोपों को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने सीबीआई को जांच सौंप दी। डीआरडीओ ने एम्ब्रायर से भी स्पष्टीकरण मांगा है।

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