Advertisement

इशरत जहां मामले में आरोपी पुलिस अफसरों का केस बंद करने की दलील, सीबीआई का स्टैंड लेने से इनकार

इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी पुलिस अधिकारियों की ओर से मामला बंद करने की याचिका पर...
इशरत जहां मामले में आरोपी पुलिस अफसरों का केस बंद करने की दलील, सीबीआई का स्टैंड लेने से इनकार

इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी पुलिस अधिकारियों की ओर से मामला बंद करने की याचिका पर सीबीआई ने कोई स्टैंड लेने से इनकार कर दिया। गुजरात सरकार पहले ही उनके खिलाफ जांच की मंजूरी देने से इनकार कर चुकी है। अब इस मामले पर 9 अप्रैल को सीबीआई कोर्ट सुनवाई करेगी।

पूर्व आइपीएस डीजी बंजारा और पूर्व एसपी एनके अमीन ने अपने खिलाफ दर्ज मामले समाप्त करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। सीबीआई के वकील आर सी कोडेकर ने स्पेशल जज जे के पांड्या के समक्ष अपने बयान में कहा कि कोर्ट वंजारा और अमीन की दलीलों पर कानून के अनुसार उचित आदेश पारित कर सकती है।

कोर्ट ने बुधवार को इशरत जहां की मां शमीमा कौसर के वकील को वंजारा और अमीन के याचिका का विरोध करते हुए जवाब दाखिल करने की मंजूरी दे दी। कोर्ट ने कहा कि वह मेरिट के आधार पर फैसला करेगी।

मुकदमा चलाने की मंजूरी से किया इनकार

इससे पहले सीबीआई ने कोर्ट को सूचित किया था कि गुजरात सरकार ने वंजारा और अमीन के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। वंजारा पूर्व पुलिस उपमहानिरीक्षक हैं, जबकि अमीन पुलिस अधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। धारा 197 के तहत, एक लोक सेवक के अभियोजन के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी है।

जानें, क्या है मामला

15 जून, 2004 को अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास सुनसान इलाके में पुलिस ने कथित फर्जी मुठभेड़ में मुंबई की 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा इशरत जहां, उसके साथी जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लई, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर की हत्या कर दी गई थी। अपराध शाखा के अधिकारियों का दावा था कि इन चारों का आतंकियों से संबंध था और उनके इशारे पर ही इन लोगों ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की साजिश रची थी।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad