वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को जमानत देने के फैसले के खिलाफ सीबीआई की समीक्षा याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। यह मामला आईएनएक्स मीडिया से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 22 अक्टूबर को इस केस में चिदंबरम को जमानत देते हुए कहा था कि उनके ना तो विदेश भागने का डर है और ना ही ट्रायल में अनुपस्थित रहने का।
जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता
वाली बेंच ने सीबीआई की याचिका खारिज करते हुए कहा कि पिछले साल के फैसले में कोई गलती नहीं है कि उस पर पुनर्विचार किया जाए। जस्टिस केएस बोपन्ना और ऋषिकेश राय भी इस बेंच में हैं। बेंच ने यह निर्णय 2 जून को दिया था, जिसका आदेश गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया।
21 अगस्त को गिरफ्तार किए गए थे चिदंबरम
सीबीआई ने पिछले साल 21 अगस्त को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने इस केस में 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था। आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को विदेश से 305 करोड़ रुपए का फंड हासिल करने की जो मंजूरी विदेश निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने दी थी, उसमें अनियमितताएं पाई गई हैं। एफआईपीबी ने यह मंजूरी 2007 में दी थी और चिदंबरम उस समय वित्त मंत्री थे। उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है।
सीबीआई के आरोपों को भी सुप्रीम कोर्ट ने नहीं माना था
पिछले साल अक्टूबर में चिदंबरम को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के इस आरोप को नकार दिया था कि चिदंबरम ने दो महत्वपूर्ण गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की। कोर्ट ने कहा कि इन गवाहों से कब, कहां और कैसे मिलने की कोशिश की गई इसके बारे में सीबीआई ने कोई विवरण नहीं दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सिलसिले में 30 सितंबर 2019 का दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला रद्द कर दिया था जिसमें चिदंबरम को नियमित जमानत देने से मना किया गया था।
ईडी ने भी दर्ज किया है चिदंबरम के खिलाफ केस
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई के मामले में सुनवाई करते हुए चिदंबरम को जमानत दे दी थी, लेकिन वह जेल से बाहर नहीं आ सके थे क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी उनके खिलाफ केस दर्ज किया था। ईडी ने आईएनएक्स मीडिया केस में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। इस एजेंसी ने चिदंबरम के साथ-साथ उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है। सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिसंबर 2019 को उन्हें ईडी के मामले में भी जमानत दे दी थी। हिरासत में 104 दिनों तक रहने के बाद चिदंबरम बाहर आए थे।