सरकार ने यूरिया पर दी जा रही सब्सिडी को वर्ष 2020 तक जारी रखने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की आज यहां हुई बैठक में 1,64,935 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय से यूरिया सब्सिडी योजना को 2017 से 2020 तक जारी रखने का फैसला किया गया। यह प्रस्ताव उर्वरक विभाग का था। उर्वरक सब्सिडी की अदायगी के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) का कार्यान्वयन किया जाएगा।
Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA) approves continuation of ongoing Urea Subsidy scheme beyond 12th Five Year Plan.
— ANI (@ANI) March 14, 2018
इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पारंपरिक औषधि प्रणालियों के क्षेत्र में भारत और ईरान के बीच सहयोग के लिए समझौताज्ञापन को मंजूरी दी है। समझौता ज्ञापन से पारंपरिक औषधि क्षेत्र में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। दोनों देशों के मध्य सांस्कृतिक धरोहर के मद्देनजर यह समझौता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Cabinet gives its ex-post-facto approval for the MoU between India and Iran for cooperation in the field of agriculture and allied sectors & health and medicine.
— ANI (@ANI) March 14, 2018
कैबिनेट ने स्वास्थ्य एवं औषधि क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और ईरान के बीच पूर्वव्यापी सहयोग-ज्ञापन को भी मंजूरी दे दी है। ईरान के राष्ट्रपति के भारत आगमन के दौरान 17 फरवरी, 2018 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।
मंत्रिमंडल ने भारत और ईरान के बीच दोहरे कराधान को टालने और वित्तीय करवंचना की रोकथाम के लिए समझौते को अपनी स्वीकृति दे दी है। इस समझौते से निवेश, टेक्नोलॉजी तथा भारत से ईरान और ईरान से भारत में कर्मियों के प्रवाह में तेजी आएगी। यह समझौता नवीनतम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार समझौता करने वाले दोनों पक्षों के बीच सूचना का आदान-प्रदान का प्रावधान करेगा और दोहरे कराधान को रोकेगा। इस तरह यह समझौता टैक्स के मामलों में पारदर्शिता में सुधार लाएगा और टैक्स चोरी तथा टैक्स को टालने पर नियंत्रण करने में मददगार साबित होगा।