बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती का कहना है कि मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गैर विवादित जमीन लौटाने का जो प्रस्ताव रखा है वह महज ‘चुनावी स्टंट’ है। बसपा सुप्रीमो ने इस कदम को सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाला कहा।
भगवा खेमें से दूरी
उन्होंने कहा कि भगवा खेमे से दूरी रखना चाहिए। मायावती का कहना है कि केंद्र सरकार ने यह कदम चुनाव के कारण लिया है। केंद्र जानबूझ कर लंबे समय से लंबित मामले में हस्तक्षेप कर रही है। उन्होंने लोगों को सतर्क रहने के लिए आगाह किया क्योंकि अयोध्या की जमीन पर यथास्थिति को बिगाड़ने का खेल भड़काने वाला है।
गठबंधन से डर
मायावती ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि आने वाले लोकसभा चुनावों में बसपा और सपा के एक साथ आ जाने से सत्तारूढ़ पार्टी को मुश्किल होगी। भाजपा यह महसूस करने के बाद ‘अनुचित साधनों’ का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार अब वह सब कुछ कर रही है जो संविधान के आधार पर चलने वाली सरकार से अपेक्षित नहीं है।
उन्होंने दावा किया कि जनता भाजपा के झूठे वादों से तंग आ गई है, पार्टी सांप्रदायिक जुनून को दूर करने, सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने और आगामी आम चुनाव में आगे रहने की कोशिश कर रही है। उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती ने यह भी कहा कि विवादास्पद मुद्दे पर चल रही कानूनी प्रक्रिया पर दबाव बनाने का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य है।
मोदी सरकार ने कल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि अयोध्या में गैर विवादित जमीन को राम जन्मभूमि न्यास को वापस कर दिया जाए। केंद्र सरकार ने कहा है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की विवादित जमीन ही सुप्रीम कोर्ट अपने पास रखे। सरकार ने कोर्ट से कहा कि अयोध्या में हिंदू पक्षकारों को का हिस्सा जो उन्हें सौंपा गया था वह जन्मभूमि न्यास को दे दिया जाए।
इसी मसले पर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का कहना है कि केंद्र सरकार गरीबी, मंहगाई, बेरोजगारी हटाने में नाकाम रही है इसलिए अब उनके पास अयोध्या का राजनीतिक इस्तेमाल ही बचा है।