छत्तीसगढ़ की सुपरिचित मानवाधिकार कार्यकर्ता अौर वरिष्ठ वकील सुधा भारद्वाज को दिल्ली में उनके निवास से मंगलवार दोपहर गिरफ्तार किए जाने की जानकारी मिली है। वे पीयूसीएल की छत्तीसगढ़ इकाई की महासचिव भी है। बताया गया है कि दिल्ली में पुलिस उनकी गिरफ्तारी के बाद अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड लेने की तैयारी में है।
बताया गया है कि उनके अलावा, देश में कई जगहों से मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिए गया है। जैसे कि झारखंड की स्टेन स्वामी, हेदराबाद से वरावर राव, महाराष्ट्र से अरुण फेरेरा, वर्नन गोंसाल्वेस, दिल्ली से ही गौतम नौलखा आदि के निवास पर अलसुबह से ही छापा मार कर पुलिस ने हिरासत में लिया है। जानकारी के अनुसार, इन सभी पर पुलिस ने उन पर 153A, 505, 117, 120B IPC धारा 13,16,17,18,18b, 20, 38,39,40 UAPA धारा लगाई है। बताया जा रहा है कि इन सब को भीमा कोरेगांव प्रकरण से जोड़ा गया है।
सुधा भारद्वाज छतीसगढ में पिछले 30 सालों से ट्रेडयूनियन में मजदूरों, किसानों के लिए समर्पित रहीं हैं। बस्तर में हो रही ज्यादतियों के खिलाफ छतीसगढ हाई कोर्ट में उन्हें सहायता करने के अलावा मजदूरों, किसानों, महिलाओं के पक्ष में हमेशा खडी रहने वाली सुधा नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी दिल्ली में विजटिंग प्रोफेसर हैं।
छत्तीसगढ़ पीयूसीएल के अध्यक्ष डाॅ लाखन सिंह एवं एवं प्रवक्ता एपी जोसी ने कहा है कि वर्त्तमान में देश में बिगड़ते हालातों में लोकतंत्र एवं संविधान पर हमले जिस तरह से बढ़ते जा रहे हैं, उसमें अधिवक्ता पर, खास कर मानवाधिकार अधिवक्ताओं की भूमिका और भी अधिक कठिन होती जा रही है। इस माहौल में उन अधिवक्ताओं पर जो कि पीड़ित वर्ग को कानूनी सहायता दे रहे हैं उन पर लगातार हमले हो रहे हैं और कानूनी सहायता देने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
सुधा भारद्वाज अधिवक्ता के रूप में साल 2000 से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय में लगातार कानूनी प्रेक्टिस करती आई हैं। उनके काम और जज्बे को सभी तबके के लोगों ने, अधिवक्तागण और न्यायाधीशों ने सराहा है। उनको छत्तीसगढ़ विधिक सेवा संघ में भी नियुक्त किया गया था। उनके साथ इंटर्नशिप करने के लिए देश भर से विधिक छात्र छत्तीसगढ़ लगातार आते रहे हैं और उनके मार्गदर्शन से कई मानवाधिकार अधिवक्ता भी तैयार हुए हैं। यूसीएल ने सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी की निंदा की है।