सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सीबीआई, आईबी और दिल्ली पुलिस के प्रमुखों को चीफ जस्टिस रंजन गोगाई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में शीर्ष अदालत में पेश होने के लिए कहा। वहीं, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने की साजिश रचने का दावा करने वाले वकील उत्सव बैंस ने आज एक सीलबंद कवर में सुप्रीम कोर्ट को सबूत पेश किया। मामले की सुनवाई आज ही 3 बजे से होगी। कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस को सुरक्षा देने का निर्देश भी दिया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अदालत ने सीबीआई, आईबी और दिल्ली पुलिस प्रमुखों को निर्देश दिया कि वे सीजेआई रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के बड़े वकील की दावेदारी की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों से मुलाकात करें। इस मामले की सुनवाई तीन जजों की विशेष पीठ कर रही है, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस अरुण मिश्रा कर रहे हैं।
पीठ ने कहा कि वह सीबीआई और आईबी निदेशकों और दिल्ली पुलिस आयुक्त से 'गुप्त' मुलाकात करेगी। पीठ ने जस्टिस आर एफ नरीमन और दीपक गुप्ता ने कहा कि यह जांच नहीं है। हम इन अधिकारियों से गुप्त रूप से मुलाकात कर रहे हैं। हम नहीं चाहते हैं कि किसी भी सबूत का खुलासा किया जाए।
तीन बजे होगी सुनवाई
पीठ ने कहा कि यह मामला देश में न्यायपालिका की स्वतंत्रता से संबंधित है। मिश्रा ने पूरे प्रकरण को "बहुत परेशान करने वाला" करार दिया है। यह निर्देश दिया कि अधिकारी दोपहर 12:30 बजे चैंबर में जजों से मिलेंगे और पीठ इस मामले को सुनने के लिए से दोपहर बाद तीन बजे फिर से जुटेगी।
वकील ने कहा- फंसाने की साजिश
वकील उत्सव सिंह बैंस ने अपने दावों के बारे में सुप्रीम कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की है कि भारत के चीफ जस्टिस को यौन उत्पीड़न मामले में फंसाने की साजिश थी।
इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए मंगलवार को जस्टिस एस ए बोबडे के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के जजों की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया। इन जजों में जस्टिस एस ए बोबड़े, एन वी रमन और इंदिरा बनर्जी शामिल हैं। जस्टिस बोबड़े रंजन गोगोई के बाद सबसे वरिष्ठ जज हैं।
सीजेआई पर ये हैं आरोप?
शीर्ष अदालत की पूर्व कर्मचारी ने 22 पन्नों के एक हलफनामे में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न और घटना के बाद उसके परिवार को परेशान करने का आरोप लगाया है। यह महिला जूनियर कोर्ट असिस्टेंट के तौर पर काम करती थी। महिला ने आरोप लगाया है कि चीफ जस्टिस ने पिछले साल अक्टूबर 10 और 11 को अपने घर के ऑफिस में 'फायदा' उठाने की कोशिश की। वैसे, जस्टिस गोगोई ने महिला द्वारा लगाए गए इन आरोपों से इनकार किया है।
महिला ने अपने हलफनामे में यह भी कहा है कि उसने जस्टिस गोगोई की मांग ठुकरा दी थी और दफ्तर से बाहर आ गई थी। इसके बाद 21 अक्टूबर को उसे उसकी नौकरी से बाहर कर दिया गया।