मध्यप्रदेश के राजनैतिक गलियारों में अब तक यह चर्चा आम रहती थी कि जिस भी मुख्यमंत्री के कार्यकाल में सिंहस्थ होता है वह मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है। कालांतर में हुई एक या दो घटनाओं से इस अंधविश्वास को बल मिलता था। व्यापमं के बाद हालात ऐसे बन गए थे और शिवराज विरोधियों को लगने लगा था कि एक बड़ा घोटाला और सिंहस्थ का प्रेत उनका कायर्काल खत्म कर देगा।
सिंहस्थ हुए सात महिने बीत गए हैं और कल ही शिवराज सरकार ने अपने कार्यकाल के 11 साल पूरे कर लिए हैं। शिवराज खेमे में इससे थोड़ी मायूसी तो है ही। लेकिन मध्यप्रदेश के नेता मानते हैं कि नेताओं के साथ कई बार खूब सारे अंधविश्वास जोड़ दिए जाते हैं। ऐसे में शिवराज ने सफलतापूर्वक सिंहस्थ के प्रेत को हरा दिया है। यह उनका आत्मविश्वास और खुद पर दृढ़ विश्वास है।