कल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने अपने कार्यकाल के 11 साल पूरे कर लिए। उतार-चढ़ाव के बीच चले इस कार्यकाल के खाते में डंपर, व्यापमं घोटाले के साथ सिंहस्थ का सफल आयोजन भी शामिल है।
हाल ही में समाप्त हुए उज्जैन के सिंहस्थ कुंभ मेले के आयोजन में जमकर घोटाला किए जाने का आरोप अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस बार घोटाले के आरोप मध्य प्रदेश विधानसभा के अंदर गूंजे।
लगता है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस वर्ष का सिंहस्थ कुंभ बहुत भारी पड़ने वाला है। कांग्रेस ने इस सिंहस्थ में बड़े पैमाने पर घोटाले के आरोप लगाए हैं। पार्टी ने खर्चों को लेकर सारे आंकड़े मीडिया के सामने रखे हैं और इन खर्चों पर एक सरसरी नजर डालने से ही गड़बड़ियों की बू आने लगती है।
सिंहस्थ की कामयाबी से गदगद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वहां ड्यूटी करने वाले सरकारी मुलाजिमों को इनाम और मैडल से नवाज रहे हैं। मोदी के पदचिन्हों पर चलते हुए शिवराज अगले छह महीनों में दो बड़े आयोजनों की तैयारी में जुट गए हैं। इंदौर में अक्टूबर में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट और दूसरा, नवंबर से नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से नर्मदा बचाने के लिए पदयात्रा। अपनी उज्जैन यात्रा के दौरान आउटलुक के साथ बातचीत में शिवराज ने बेबाकी से जवाब दिए। पेश है राजेश सिरोठिया से उनकी बातचीत के संपादित अंश:
बड़ी मुश्किल से व्यावसायिक परीक्षा मंडल के दाग सिंहस्थ में साधु-संतों की सेवा के बाद धुले थे। पर ये घोटाले के दाग हैं जो पता नहीं क्यों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दामन से धुलना ही नहीं चाहते हैं। सिंहस्थ खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अभी चैन की सांस भी नहीं ली है, फुर्सत के दो पल भी नहीं काटे हैं कि घोटाले की बैचेन हवाएं मध्य प्रदेश और उससे बाहर लहराने लगी है।
थोड़ी बाधा और बहुत सारे उत्साह के साथ आज 21 मई को आखरी शाही स्नान के साथ एक महीने से उज्जैन में चल रहा सिंहस्थ मेला आज औपचारिक रूप से खत्म हो गया। लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ और तिथि को देखते हुए मेले की व्यवस्थाएं 28 मई तक यथावत रहेंगी। सुबह ग्यारह बजे आम जनता के लिए स्नान घाट खोल दिए गए थे।
उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ में आज यहां आव्हान अखाड़े के कुछ पदों के चुनाव के दौरान साधुओं के बीच हुए खूनी संघर्ष में छह साधु घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में दो साधुओं को गिरफ्तार भी किया है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के दौरान बुधवार को पहले वाल्मीकि घाट पर दलित साधुओं के साथ स्नान किया फिर बाद में समरसता भोज के तहत भोजन भी ग्रहण किया।
सिंहस्थ महाकुंभ में समरसता स्थान को लेकर मचा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। हालांकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के समरसता स्नान के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। लेकिन कांग्रेस इसको लेकर लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है।