इस अवसर पर शाह ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि देश में भाजपा ऐसी संस्था है जो देश की संस्कृति को मजबूत करना चाहती है। इसलिए पार्टी वसुधैव कुटुम्बकम को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। समरसता स्नान के बारे में शाह ने कहा कि आज यह स्नान इसलिए और महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि आज शंकराचार्य जी की जयंती है, जिन्होंने मात्र 32 वर्ष की युवा आयु में ही हिन्दू धर्म को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया था।
शाह ने कहा कि कुंभ देश में अपने किस्म का अनोखा समागम है। इसमें करोड़ों लोग बिना बुलाए आते हैं। यह प्रबंधन के छात्राों के लिये अध्ययन का विषय भी है। इस कार्यक्रम को लेकर पहले साधु समाज में विरोध हो रहा था लेकिन कार्यक्रम के आयोजन के दौरान किसी प्रकार का विरोध देखने को नहीं मिला। राजनीतिक तौर पर कांग्रेस ने जरुर इस कार्यक्रम को लेकर आलोचना की। शाह के साथ इस आयोजन में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेन्द्र गिरी, जूना अखाड़ा पीठ के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी और वाल्मीकि धाम के पीठाधीश्वर उमेश नाथ और अन्य साधु-संत शामिल थे।
दलित संतों के साथ शाह ने किया क्षिप्रा में स्नान फिर किया भोजन
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के दौरान बुधवार को पहले वाल्मीकि घाट पर दलित साधुओं के साथ स्नान किया फिर बाद में समरसता भोज के तहत भोजन भी ग्रहण किया।
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