विपक्षी कांग्रेस के विधायकों ने दस्तावेजों के साथ सरकार पर सिंहस्थ में घोटाले का आरोप लगाया। दरअसल राज्य का अनुपूरक बजट पारित होना था और इसपर चल रही चर्चा के दौरान 18 कांग्रेसी विधायकों ने भ्रष्टाचार के अलग-अलग आरोप लगाए।
जीतू पटवारी ने ऐसे दस्तावेज पेश किए जिनसे साबित होता है कि सरकार ने नाश्ते की प्रति प्लेट 1625 रुपये की दर से खरीदी जबकि थर्मस 14 हजार रुपये की दर से खरीदे गए। कमाल की बात तो यह है कि ऑटो स्पेयर पार्ट्स की दुकान से मटके की खरीद की गई। विधायक रामनिवास रावत ने आरोप लगाया कि ऑटो स्पेयर पार्ट्स की दुकान से 800 रुपये प्रति मटके की दर से 16 करोड़ रुपये के मटकों की खरीद की गई। इस खरीदी ने बिहार के चारा घोटाले की याद ताजा कर दी जिसमें स्कूटरों से भैंसों की ढुलाई कागजों में दिखाई गई थी। कांग्रेस ने डिवाइडरों पर घास लगाने में 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाने पर भी सवाल उठाए।
पक्ष-विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोपों के बीच 14 हजार 297 करोड़ 81 लाख रुपये का अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया। वित्तमंत्री जयंत मलैया ने अनुपूरक बजट के प्रावधानों को सरकार की सफलता बताया मगर विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए भ्रष्टाचार के मुद्दों पर जवाब नहीं दिया। प्रभारी नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन ने अनुपूरक बजट में शहडोल संसदीय क्षेत्र के लिए 600 करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रावधान करने पर इसे शहडोल बजट बताया।