उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मौतों को कम करने के लिए ठोस प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दो साल में कोविड -19 के कारण 24,000 से कम लोगों की मौत हुई, जबकि राज्य में हर साल सड़क दुर्घटनाओं के कारण 20,000 से 22,000 लोग मरते हैं।
सड़क सुरक्षा और जन जागरूकता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि थोड़े से प्रयास से कीमती जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। उन्होंने 15 से 31 दिसंबर तक सड़क सुरक्षा पखवाड़ा आयोजित करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये।
एक सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास से सड़क सुरक्षा अभियान के लिए 50 बसों, 38 इंटरसेप्टर वाहनों और 12 प्रचार वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने 4100 इलेक्ट्रिक वाहन स्वामियों के खाते में अनुदान राशि भी ऑनलाइन ट्रांसफर की। राज्य में पांच ड्राइविंग प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थानों के स्वचालन और संचालन के लिए परिवहन विभाग और मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
दिन के दौरान, मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की एक बैठक की भी अध्यक्षता की और सड़क दुर्घटनाओं और उनके परिणामस्वरूप होने वाली असामयिक मौतों को कम करने के लिए ठोस प्रयास करने पर जोर दिया।
आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि आदतन यातायात नियम उल्लंघन करने वालों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएं और उनके वाहन जब्त कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सरकार और जनता को मिलकर काम करना होगा।
उन्होंने कहा, "सर्दी आ गई है। यह भीषण ठंड और घने कोहरे का मौसम है। इस दौरान सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है। सड़क दुर्घटना में असामयिक मौत बेहद दुखद है, इसे कम करने के लिए हमें जागरूकता, शिक्षा, प्रवर्तन, इंजीनियरिंग और आपातकालीन देखभाल पर ध्यान केंद्रित करते हुए मिलकर काम करने की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "यातायात नियमों को लागू करने के लिए चालान या अन्य प्रवर्तन कार्रवाई कोई स्थायी समाधान नहीं है। हमें जागरूकता पर जोर देना होगा।"