टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को कई दलों का समर्थन मिलता दिख रहा है। कांग्रेस, एआईएडीएमके, टीएमसी, एनसीपी और सीपीएम जैसे बड़े दलों ने टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने का ऐलान किया है।
विपक्ष हुआ एकजुट
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि शुरुआत से ही आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का समर्थन करते रहे हैं। हम चाहते हैं कि आंध्र के लोगों को न्याय मिले। जब अविश्वास प्रस्ताव पेश होता है, तब आप सरकार की असफलताओं पर बात करते हैं। हम तमाम लोगों से संपर्क साध रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा, 'अविश्वास प्रस्ताव के लिए 50 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है। इस प्रस्ताव के समर्थन 50 सांसद भी खड़े हुए लेकिन स्पीकर ने कहा कि सदन ऑर्डर में नहीं है। मैं पूछना चाहता हूं क्या सरकार को डर है? उनके पास लोकसभा में बहुमत है।'
इस बीच एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का ऐलान किया है।
सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा, 'हम बीजेपी के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हैं। यह आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ विश्वासघात है।' इस बीच बीजेपी ने टीडीपी की ओर से एनडीए से समर्थन वापस लेने और केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के ऐलान को बीजेपी ने आम चुनाव से पहले की रिहर्सल करार दिया है।
पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने कहा, 'एनडीए छोड़ने के टीडीपी के फैसले का मैं स्वागत करता हूं। मौजूदा स्थिति की यह मांग है कि देश को आपदा से बचाने के लिए ऐसे ऐक्शन लिए जाएं। मैं सभी विपक्षी दलों से मांग करती हूं कि वे राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट और उत्पीड़न के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ें।'
बीजेपी पर गंदी राजनीति खेलने का लगा आरोप
एनडीए से अलग होने के बाद भी टीडीपी का आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर संसद में विरोध-प्रदर्शन जारी है। पार्टी सांसद जयदेव गला ने आरोप लगाया कि भाजपा ने गंदी राजनीति शुरू कर दी है। उन्होंने जो तमिलनाडु में किया, वो वही रणनीति अब आंध्र प्रदेश में अपनाने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने तमिलनाडु में छोटी पार्टियों को प्रोत्साहित करने और बड़ी पार्टियों के भीतर मतभेद पैदा करने की कोशिश की और अब यही आंध्र प्रदेश में करने की कोशिश है। सरकार में हमारा विश्वास नहीं रहा।
नकवी बोले- चुनावों से पहले होती रही है ऐसी रिहर्सल
हालांकि इस बीच केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को लेकर कहा, 'देखते हैं संसद में क्या होता है, कौन सी पार्टी किस ओर जाती है। यह चुनावी साल है और हर राज्य की अपनी मांगें और मुद्दे हैं। इस पर फिलहाल हमारे लिए टिप्पणी करना उचित नहीं है। यह एक परंपरा है। वास्तविक चुनावों से पहले संसद में अकसर रिहर्सल होती रही है।'
CPI(M) supports no-confidence motion being brought against BJP govt. Its betrayal of the promise of special status for Andhra Pradesh is inexcusable. Its all-round failure & evasion of parliamentary accountability needs to be highlighted, tweets CPI(M)'s Sitaram Yechury(File Pic) pic.twitter.com/HRCxsvffcs
— ANI (@ANI) March 16, 2018
जदयू ने कहा- एनडीए सरकार को कोई खतरा नहीं
वहीं जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि एक बड़े गठबंधन में विचारों को लेकर छोटे मतभेद होते रहते हैं। एनडीए सरकार को कोई खतरा नहीं है। मगर टीडीपी का इससे अलग होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
गौरतलब है कि टीडीपी पोलित ब्यूरो ने आज सुबह पार्टी के प्रमुख व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के साथ एक टेली कॉन्फ्रेंस के दौरान एनडीए से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है। जबकि पहले आज शाम होने वाली बैठक में इस पर तय किया जाना था। मगर सुबह ही पार्टी नेताओं के साथ नायडू की नियमित टेली-कॉन्फ्रेंस में ही सारी औपचारिकता पूरी कर ली गई।