2019 लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसके लिए कमर कस ली है। आगामी चुनाव के मद्देनजर वे लगातार कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं और चुनावी रणनीति को लेकर चर्चा कर रहे हैं। इसी कड़ी में राहुल ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का गठन किया है। जिसके बाद उन्होंने रविवार को नई कार्यसमिति की पहली बैठक बुलाई।
इस दौरान यह मांग उठी कि कांग्रेस रणनीतिक गठबंधन करे और राहुल गांधी गठबंधन का चेहरा हों। कांग्रेस नेता सचित पायलट, शक्ति सिंह गोहिल, रमेश चेन्नीथला ने एक सुर में कहा कि पार्टी गठबंधन के केंद्र में रहे और राहुल गांधी गठबंधन का चेहरा हों।
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस रणदीप सुरजेवाला ने 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ने की बात कही। प्रधानमंत्री पद पर राहुल गांधी की दावेदारी के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष अकेले चेहरे हैं, जिन्हें प्रोजेक्ट किया जाएगा। कांग्रेस यह चुनाव हमारे नेता के चेहरे पर लड़ेगी।‘
Naturally then Congress President would be the only face to be projected. Congress would fight this election by putting forward our leader - Rahul Gandhi: Randeep Surjwala, Congress when asked if Rahul Gandhi will be Prime Ministerial candidate of Congress party (2/2) pic.twitter.com/AU6nKusdol
— ANI (@ANI) July 22, 2018
उन्होंने कहा, ‘हमें अपने 2004 के प्रदर्शन को सुधारने की उम्मीद है। लोगों को यह निर्णय करना है। अगर कांग्रेस 200 सीट या ज्यादा के जादुई आंकड़े के साथ अकेली सबसे बड़ी पार्टी बनती है तो कांग्रेस ही लीड करेगी। जो साथ आना चाहते हैं वह हाथ में हाथ डालकर साथ चलें।‘
कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने बताया कि चुनाव से पहले या बाद में गठबंधन पर निर्णय लेने का अधिकार राहुल जी का है।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि अगर भाजपा की सोच को कोई चुनौती दे सकता है तो वह कांग्रेस है। अगर आरएसएस कभी हारा है तो वह कांग्रेस की सोच से हारा है।
बैठक के दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हम गठबंधन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम सभी इस प्रयास में राहुल गांधी के साथ हैं। यह प्रयास हमें अपने लोगों को खतरनाक शासन से बचाने के लिए है जो भारत के लोकतंत्र से समझौता कर रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के मुताबिक राहुल गांधी ने कहा कि एक तरफ जहां भाजपा संस्थाओं, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों पर हमले कर रही है वहीं कांग्रेस देश की आवाज बनने की अपनी भूमिका बखूबी निभा रही है।
सुरजेवाला ने बताया कि राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति का गठन एक ऐसे संस्था के रूप में की है जिसमें भूत, वर्तमान और भविष्य के अनुभव का समावेश है।
कांग्रेस कार्यसमिति कांग्रेस पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई है, जिसमें राहुल गांधी ने अनुभवी और युवा नेताओं के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया है। सीडब्ल्यूसी में 23 सदस्य, 18 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 10 आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कार्य समिति में कई ऐसे नेताओं को जगह नहीं मिली है जो सोनिया गांधी की अध्यक्षता के दौरान कार्य समिति के अहम सदस्य हुआ करते थे।