Advertisement

अनुच्छेद 370 पर रार जारी, अब भारत की ओर से भी बंद हुई दिल्ली-लाहौर बस सेवा

दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने दिल्ली-लाहौर बस सेवा सोमवार को रद्द कर दी। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने...
अनुच्छेद 370 पर रार जारी, अब भारत की ओर से भी बंद हुई दिल्ली-लाहौर बस सेवा

दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने दिल्ली-लाहौर बस सेवा सोमवार को रद्द कर दी। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। इससे पहले पाकिस्तान ने भारत द्वारा जम्मू- कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद इस बस सेवा को बंद करने का फैसला किया था।

पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने शनिवार को इस मैत्री बस सेवा को सोमवार से निलंबित करने का ऐलान किया था। निगम के अधिकारी ने बताया कि डीटीसी की एक बस सोमवार को सुबह छह बजे लाहौर के लिए रवाना होने वाली थी, लेकिन पाकिस्तान के बस सेवा निलंबित करने के निर्णय के कारण वह बस रवाना नहीं हुई।

डीटीसी के एक बयान में कहा गया है, ‘‘दिल्ली-लाहौर बस सेवा निलंबित करने के पाकिस्तान के फैसले के आलोक में डीटीसी 12 अगस्त से (दिल्ली से लाहौर के लिए) बस भेजने में समर्थ नहीं है।’’ पाकिस्तान के पर्यटन विभाग ने शनिवार को टेलीफोन करके डीटीसी को सोमवार से बस सेवा निलंबित करने की सूचना दी थी।

आखिरी बस शनिवार को गई थी

लाहौर के लिए आखिरी बस शनिवार सुबह दिल्ली से रवाना हुई थी जिसमें दो यात्री थे। वापसी में उसी दिन वह बस 19 यात्रियों को लेकर शाम को दिल्ली पहुंची थी। रविवार को बस नहीं चली थी। 

पाकिस्तान सरकार ने डीटीसी को ईमेल के जरिए शनिवार देर रात दिल्ली-लाहौर सद्भावना बस सेवा निलंबित करने की जानकारी दी थी। पाकिस्तान टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के फैसले पर पाकिस्तान सरकार ने डीटीसी को ईमेल भेजा। डीटीसी ने यह ईमेल मंत्रालय को भेजा था। 

1999 में शुरू हुई थी यह सेवा

दिल्ली-लाहौर बस सेवा पहली बार फरवरी 1999 में शुरू हुई थी लेकिन 2001 में हुए संसद पर आतंकवादी हमले के बाद इसे निलंबित कर दिया गया था। जुलाई, 2003 में यह फिर शुरू हुई थी। इस साल फरवरी में पुलवामा आतंकी हमले और फिर जवाब में बालाकोट हवाई हमले के बाद दोनों देशों के संबंध खराब होने पर यह बस सेवा वैसे तो चलती रही लेकिन उसमें बहुत कम यात्री होते थे। कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के बाद शुक्रवार को पाकिस्तान ने भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस पर ‌‌फिर से रोक लगा दी थी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad