भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र सरकार पर हमला करते हुए आज कहा कि इन कानूनों की आड़ में किसानों को तबाह करने के लिए जो षडयंत्र रचा गया है, उसे वे सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि किसान अपनी जमीन किसी कारपोरेट घरानों को नहीं देने वाले हैं। यह आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक कृषि कानून वापस नहीं होता।
टिकैत मध्यप्रदेश के जबलपुर की सिहोरा तहसील स्थित कृषि उपज मंडी में किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि किसान को औलाद से भी अधिक जमीन प्यारी होती है। जीवित रहते किसान अपनी जमीन औलाद के नाम नहीं कर सकता है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में 100 दिन से आंदोलन चल रहा है और सरकार मान नहीं रही। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के खिलाफ आजादी की दूसरी क्रांति की जरूरत पड़ी, तो हम तैयार हैं।
महापंचायत से पहले टिकैत ने मीडिया से चर्चा में कहा कि बैरन-पोस्टर फाडने की ओछी राजनीति हम नहीं रोक सकते हैं। मध्यप्रदेश में किसानों की स्थिति ठीक नहीं है, यहां के किसानों को गुमराह कर आंदोलन में शामिल नहीं होने दिया जा रहा है। किसान के साथ नौजवान भी जाग गया है। यह सब कुछ ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाला है। वह अच्छी तरह से जान गया है कि कृषि कानून नुकसानदायक है।