राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के हवाले से 'चौकीदार चोर है' वाले बयान को लेकर दायर अवमानना याचिका पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोर्ट में कहा कि वह खेद प्रकट करते हैं, जो माफी के समान ही है। मंगलवार की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष के खेद जताने के तरीके पर काफी नाराजगी जताई। राहुल गांधी की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। उन्होंने कहा, सोमवार 6 मई तक एडिशनल हलफनामा दाखिल करेंगे जिसकी सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत दी है।
इस दौरान याचिकाकर्ता मीनाक्षी लेखी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, राहुल गांधी ने अपने सियासी फायदे के लिए कोर्ट को मोहरा बनाया। सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर जानबूझकर चौकीदार चोर है, वाला बयान दिया गया। उन्होंने कहा, राहुल ने बेहद गैरजिम्मेदारी का परिचय दिया और उन्हें ऐसा करने पर कोई पछतावा भी नहीं है।
हलफनामे में विरोधाभास पर जताई नाराजगी
कोर्ट ने पूछा कि क्या खेद जताने के लिए हलफनामा दिया जाता है? कोर्ट ने कहा, राहुल गांधी की ओर से दाखिल हलफनामे में विरोधाभास है। एक जगह वो कहते हैं कि उन्होंने बयान दिया है, दूसरी जगह वो ऐसा करने से मना करते हैं। इस पर राहुल गांधी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से माफी मांगी। सिंघवी ने कहा, सोमवार तक एडिशनल हलफनामा दाखिल करेंगे।
मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कांग्रेस अध्यक्ष को फटकारते हुए उनके वकील से कहा कि ब्रैकिट में खेद जताने का क्या मतलब है? बता दें कि राहुल ने अपने दूसरे हलफनामे में खेद शब्द को ब्रैकिट में लिखा था।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने राफेल फैसले की समीक्षा के लिए दायर पुनर्विचार याचिका पर केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह 4 मई तक उन याचिकाओं पर जवाब दाखिल करे, जिनमें पिछले दिसंबर के फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी। शीर्ष अदालत ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान डील को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर चार सप्ताह का समय देने की सरकार की दलील को ठुकरा दिया। कोर्ट ने अधिकतम शनिवार तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। जस्टिस एस के कौल और के एम जोसेफ की पीठ ने अगली सुनवाई के लिए 6 मई मुर्करर की है।।
दायर की है पुनर्विचार याचिका
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा, एक्टिविस्ट वकील प्रशांत भूषण ने 14 दिसंबर,18 के फैसले की समीक्षा के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की है जिसमें कोर्ट ने राफेल मामले में सरकार को क्लीन चिट दी थी। आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंगृह ने भी अलग से समीक्षा याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी जिसमें 36 लड़ाकू जहाजों की डील में घोटाले की आशंका जताई थी। कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था।