नए साल में 15-18 साल के बच्चों का टीकाकरण करने के बाद 12-18 साल के बच्चों के लिए भी टीका आ गया है। बायोलॉजिकल-ई कोरोना वैक्सीन कोर्बेवैक्स को सोमवार को डीसीजीआई ने आखिर मंजूरी दे दी है। इससे पहले 14 फरवरी को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया कि विशेष समिति ने इसके आपातकाल इस्तेमाल की मंजूरी की सिफारिश की थी। कोरोना से लड़ाई में अब भारत को एक और हथियार मिल गया है।
कोर्बेवैक्स वैक्सीन को मांसपेशियों के जरिये शरीर में पहुंचाया जाएगा और 28 दिनों के भीतर दो खुराक लेनी होगी। इस टीके को दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर स्टोरेज किया जाता है। 9 फरवरी को डीसीजीआई को भेजे गए आवेदन में बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के गुणवत्ता एवं नियमन मामलों के प्रमुख श्रीनिवास कोसाराजू ने कहा था कि कंपनी को कोर्बेवैक्स का पांच से 18 साल की आयु वर्ग पर दूसरे-तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण की अनुमति पिछले साल सितंबर में मिली थी।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा था कि टीकाकरण की अतिरिक्त जरूरत और इसके लिए और अधिक आबादी को शामिल करने की समीक्षा नियमित तौर पर की जाती है। डीसीजीआई ने पहले कोर्बेवैक्स को अपनी मंजूरी 28 दिसंबर को सीमित आधार पर आपात स्थिति के लिए दी थी। यह भारत में ही कोविड-19 के खिलाफ विकसित आरबीडी आधारित टीका है।