दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने दिसंबर 2012 के चर्चित निर्भया बलात्कार और हत्या मामले में दोषियों के मृत्युदंड पर अमल में देरी पर तिहाड़ जेल के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। इस मामले में पिछले साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने 23 साल की मेडिकल छात्रा से बलात्कार करने और बाद में उसकी हत्या किए जाने के चार दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा था।
डीसीडब्ल्यू ने दोषियों की सजा पर अमल में देरी करने पर मांगा स्पष्टीकरण
वहीं, इस साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने तीन दोषियों के जरिए दायर पुनर्विचार याचिकाएं खारिज की थीं, जबकि चौथे दोषी ने फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध नहीं किया था। अब तिहाड़ जेल के अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने इन दोषियों की सजा पर अमल में देरी करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है।
15 सितंबर तक जवाब दें अधिकारी
मालीवाल ने कहा, 'समाज में कड़ा प्रतिरोधक पैदा करने के लिए उन्हें जल्द से जल्द सजा-ए-मौत दी जानी चाहिए।' उन्होंने अधिकारियों से पूछा गया कि मौत की सजा पर अमल संबंधी आदेश जारी किया गया है या नहीं। इसमें कहा गया कि अगर अमल आदेश जारी नहीं किया गया है तो इसके कारण बताए जाएं। अधिकारियों से 15 सितंबर तक जवाब देने को कहा गया है।
कोर्ट ने 4 आरोपियों को दोषी करार देने के साथ फांसी की सजा सुनाई थी
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए बलात्कार और हत्या के मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 4 आरोपियों को दोषी करार दिया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी।