चुनाव आयोग ने भाजपा के आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय के ट्वीट को लेकर कार्रवाई करने की बात कही है। इस ट्वीट पर सफाई देने केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा।
नकवी ने पत्रकारों को बताया कि अमित मालवीय का ट्वीट एक टीवी चैनल के सोर्स पर आधारित था। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके भी एक नेता ने उसी समय पर वैसा ही ट्वीट किया था। नकवी ने कांग्रेस के सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि चुनाव आयोग की गरिमा और सम्मान पर चोट करने की मंशा कतई नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के एक नेता ने भी उसी समय पर वैसा ही ट्वीट किया था। उन्होंने बताया कि हमने चुनाव आयोग के सामने अपना पक्ष रखा कि हम आयोग का सम्मान करते हैं। उसकी प्रतिष्ठा पर चोट नहीं पहुंचनी चाहिए। इसके साथ ही नकवी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ओछी राजनीति कर रही है, उसे चुनाव आयोग की छवि को खराब करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अमित मालवीय को यह ट्वीट नहीं करना चाहिए था।
बता दें कि चुनाव आयोग ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है लेकिन चुनाव आयोग से पहले ही तारीखें सार्वजनिक हो चुकी थीं। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत चुनाव के बारे में बता ही रहे थे, उन्होंने न ही मतदान की तारीख बताई थी और न ही मतगणना की तारीख की घोषणा की थी, बावजूद इसके भाजपा के आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने ट्वीट कर चुनाव तारीख की घोषणा कर डाली।
अमित के ट्वीट करने के बाद तुरंत ही उस पर सवाल उठने लगे। सोशल मीडिया पर ही लोग रिएक्ट करने लगे और अमित मालवीय से सवाल पूछने लगे कि आयोग से पहले उन्होंने कैसे ये जानकारी बता दी। इस पर चनाव आयुक्त ने कहा कि यह गंभीर मामला है और हम इसकी जांच करेंगे। चुनाव आयुक्त ने कहा है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।