दिल्ली की एक अदालत ने जामिया हिंसा मामले में छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तन्हा को शनिवार को बरी कर दिया।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क गई। शरजील को 2021 में जमानत मिली थी। इमाम ने कथित तौर पर 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भाषण दिया था, जहां उन्होंने असम और शेष पूर्वोत्तर को भारत से काट देने की धमकी दी थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने दोनों को 2019 में जामिया नगर पुलिस थाने में दर्ज एक मामले में आरोपमुक्त कर दिया। इस मामले में विस्तृत आदेश अभी नहीं मिल पाया है।
Delhi's Saket court discharges Sharjeel Imam in Jamia Violence case registered in 2019.
Violence erupted after a clash between people protesting against Citizenship Amendment Act and police. Sharjeel was granted bail in 2021.
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— ANI (@ANI) February 4, 2023
बहरहाल, इमाम अभी जेल में ही रहेगा, क्योंकि वह 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों की साजिश के मामले में आरोपी है।
पुलिस ने संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) का विरोध कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़पों के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।