दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के मामले में दिल्ली अब तमिलनाडु को पीछे छोड़कर देश में महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर आ गई है। इस बीच उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा कि उपराज्यपाल की ओर से बनाई गई नई व्यवस्था के तहत कोरोना के हर मरीज को क्वारेंटाइन सेंटर जाना जरूरी है। इससे बड़ी समस्या पैदा हो गई है। अगर मरीज नहीं जाता तो उसे पुलिस और प्रशासन के फोन आने लगते हैं। उन्होंने उपराज्यपाल से क्वारेंटाइन सेंटर जाकर चेकअप कराने की व्यवस्था खत्म करने की मांग की है।
मीडिया से बातचीत में सिसोदिया ने कहा कि होम आइसोलेशन की व्यवस्था ख़त्म करा दी गई और लोगों को क्वेरंटाइन सेंटर जाकर चेकअप कराने को कहा गयाहै इससे कोरोना के मरीज परेशान हो रहे हैं। लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर जाकर लाइन लगानी पड़ रही है। इससे लोग बहुत दुखी हैं। उन्हें इस बात की परेशानी हो रही है कि उसे क्वारेंटाइन सेंटर जाना होगा तो वह कैसे जाएंगे।
लाइन में लगने से स्थिति खराब होगी
उन्होंने कहा कि दिल्ली में हर रोज करीब 3000 पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं। अगर यह सब लाइन में लगेंगे तो स्थिति और खराब होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही एलजी दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक बुलाकर फैसला बदलवाएंगे। अन्यथा लोगों की परेशानी रोजाना और ज्यादा बढ़ेगी।
एलजी ने इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन का फैसला लिया था वापस
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शनिवार शाम को इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन करने का अपना फैसला वापस ले लिया था। इस बारे में उन्होंने ट्वीट किया था कि जिन कोरोना पॉजिटिव लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है और जिनके पास होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं है, उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में रहना होगा। एलजी ने एक अन्य ट्वीट में कहा था कि गृह मंत्री के गाइडेंस में कोविड ट्रीटमेंट को दिल्ली में अफोर्डेबल बनाया जाएगा।
दिल्ली में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,909 मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 62 हजार के पार पहुंच गई है। इसके अलावा बीते 24 घंटे में 58 रोगियों की मौत के साथ ही मृतकों की तादाद 2,233 हो गई। दिल्ली में बीते तीन दिन से प्रतिदिन संक्रमण के 3 हजार या उससे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। शहर में संक्रमितों की संख्या अब 62,655 हो गई है।