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दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के करीब, क्या लागू होगी ऑड-इवन योजना?

दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार चर्चा का केंद्र बनी हुई है। अब शुक्रवार को चिंता तब बढ़ गई जब वायु...
दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के करीब, क्या लागू होगी ऑड-इवन योजना?

दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार चर्चा का केंद्र बनी हुई है। अब शुक्रवार को चिंता तब बढ़ गई जब वायु गुणवत्ता बिगड़कर ‘गंभीर’ से अति ‘गंभीर श्रेणी’ की कगार पर पहुंच गई। ऐसे में एक बार खीर से राष्ट्रीय राजधानी में सम-विषम योजना की चर्चा शुरू हो गई है।

शहर का एक्यूआई शुक्रवार सुबह सात बजे 437 रहा जबकि बृहस्पतिवार अपराह्न चार बजे यह 419 था। प्रति दिन चार बजे रिकॉर्ड किया जाने वाला राष्ट्रीय राजधानी का 24 घंटे का औसत एक्यूआई बुधवार को 401, मंगलवार को 397, सोमवार को 358, रविवार को 218, शनिवार को 220 और शुक्रवार को 279 था।

पिछले हफ्ते बारिश की वजह से एक्यूआई बेहतर हुआ था। लेकिन उसके बाद के दिनों में दिवाली की रात भारी आतिशबाजी तथा पड़ोसी राज्यों में पराली जलाये जाने की घटनाएं बढ़ीं तो वायु प्रदूषण भी बढ़ गया। उधर, गाजियाबाद में एक्यूआई 374, गुरुग्राम में 404, ग्रेटर नोएडा में 313, नोएडा में 366 और फरीदबाद में एक्यूआई 415 रिकार्ड किया गया।

आपको बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर ‘अति गंभीर’ माना जाता है।

इस हफ्ते की शुरुआत में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था, "यदि एक्यूआई 450 के पार चला जाता है तो सम-विषम योजना को लागू किया जा सकता है।" गौरतलब है कि वर्ष 2016 से यह योजना चार बार लागू की जा चुकी है। पिछली बार 2019 में यह योजना लागू की गई थी।

सरकार ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार के बाद इस योजना का क्रियान्वयन स्थगित कर दिया था। हाल ही में दिल्ली सरकार और आईआईटी-कानपुर के संयुक्त अध्ययन में पाया गया कि बुधवार को राजधानी के वायु प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाले धुंए का योगदान 38 प्रतिशत था जो बृहस्पतिवार को 25 प्रतिशत रह गया।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि शांत हवा और निम्न तापमान प्रदूषकों को तितर-बितर नहीं होने दे रहे हैं तथा अगले कुछ दिनों तक राहत की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि 21 नवंबर से हवा की गति में सुधार से वायु प्रदूषण का स्तर घट सकता है।

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