प्रदूषण विशेषज्ञों ने इस सुधार के लिए हवा की रफ्तार बढ़ने और उत्तर पश्चिम क्षेत्र के बजाय पश्चिमी क्षेत्र से बहने को प्रमुख कारण बताया गया है। उत्तर पश्चिम क्षेत्रा में ही फसलों की पराली जलाने के मामले आ रहे हैं।
केंद्र की वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने 24 घंटे के समय में प्रदूषणकारी तत्वों पीएम 2.5 और पीएम 10 को औसतन क्रमश: 246 और 405 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकार्ड किया जो बहुत खराब श्रेणी में है।
इन अल्टाफाइन पार्टिकुलेट तत्वों का 24 घंटे में निर्दिष्ट मानदंड औसतन क्रमश: 60 और 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होता है।
पृथ्वी विग्यान मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, अगले कुछ दिन तक प्रदूषणकारी तत्वों के समाप्त होने के लिहाज से स्थिति अनुकूल है। कल वायु गुणवत्ता में और इजाफा होगा।
विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्व हवा की रफ्तार और उसकी दिशा होती है। हालांकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (दिन का औसत) गंभीर श्रेणी में बताया।
दिल्ली सरकार ने स्वच्छ दिल्ली एप्प को फिर से जारी किया है जिसके माध्यम से दिल्ली के नागरिक खुले में कचरा, सूखी पत्तियां, प्लास्टिक को जलाये जाने के खिलाफ, प्रदूषण फैला रहे वाहनों और उद्योगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
एप्प लांच करते हुए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि स्वच्छ दिल्ली एप्प को पिछले कुछ दिन में दिल्ली में वायु प्रदूषण में वृद्धि को देखते हुए उन्नत बनाया गया है।
भाषा