राजधानी दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में रविदास मंदिर तोड़े जाने के बाद विरोध-प्रदर्शनों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार रात को प्रदर्शन हिंसक हो गया और पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और “हल्का लाठीचार्ज” किया। डीडीए द्वारा मंदिर तोड़े जाने के विरोध में बुधवार को भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद की अगुवाई में लोगों ने यहां प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प भी हुई, जिसके बाद चंद्रशेखर सहित लगभग 50 लोगों को हिरासत में ले लिया गया।
दरअसल, डीडीए ने इसी महीने तुगलकाबाद इलाके में रविदास मंदिर को तोड़ दिया था, जिसे लेकर दलित समुदाय में जबरदस्त आक्रोश है। हालांकि डीडीए का कहना है कि उसने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस ढांचे को गिराया, पर दलितों की नाराजगी थमने का नाम नहीं ले रही। मंदिर गिराए जाने के विरोध में 13 अगस्त को पंजाब में भी व्यापक प्रदर्शन हुए थे, जब प्रदर्शनकारियों ने जालंधर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई अन्य मार्गों को भी बाधित कर दिया। पंजाब में बीते सप्ताह हुए प्रदर्शन के बाद हजारों की तादाद में देशभर से दलित समुदाय के लोग बुधवार को दिल्ली में जुटे और जमकर प्रदर्शन किया।
लगभग 5 हजार लोग दिल्ली के रामलीला मैदान में जमा हुए
रविदास मंदिर तोड़े जाने के विरोध में बुधवार को लगभग 5 हजार लोग दिल्ली के रामलीला मैदान में जमा हुए, जिनकी अगुवाई भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद कर रहे थे। भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर मंदिर बनवाना है तो आगे बढ़ो। इसके बाद भीड़ रामलीला मैदान से बाहर निकल पड़ी, जिससे मध्य दिल्ली के कई इलाकों में जाम लग गया। नीली रंग की टोपी पहने प्रदर्शकारियों की भीड़ दिल्ली गेट, पंचकुइयां रोड होते हुए आगे बढ़ रही थी। इस दौरान वे 'जय भीम' और 'मंदिर वहीं बनाएंगे' की नारेबाजी भी कर रहे थे।
प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में की कई जगह तोड़फोड़
पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में कई जगह तोड़फोड़ की। उन्होंने डीटीसी बसों और कई गाड़ियों के शीशे भी तोड़ दिए। प्रदर्शनकारियों ने उस इलाके में घुसने की कोशिश भी की, जहां मंदिर तोड़ा गया था। डीडीए ने जिस जगह मंदिर को तोड़ा है, वहां आसपास दीवार बना दी गई है, पर प्रदर्शनकारियों ने उसे तोड़ने की कोशिश की। इसी दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। पुलिस पर पथराव भी हुआ, जिसके बाद भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर समेत 50 लोगों को हिरासत में ले लिया गया। कुछ समय तक हिरासत में रखे जाने के बाद देर रात चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया गया।