हाईकोर्ट में लाभ के पद के मामले में आप के अयोग्य विधायकों के मामले में नया मोड़ आ गया है। चुनाव आय़ोग ने कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में गोपनीय दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि इन कागजात को विधायकों से शेयर नहीं किया जा सकता।
जस्टिस संजीव खन्ना और चंद्र शेखर की पीठ के समक्ष आयोग के वकील अमित शर्मा ने कहा कि जो कागजात पेश किए जा रहे हैं उसमें चुनावी पैनल द्वारा दर्ज की गई निजी टिप्पणियां भी हैं। इन दस्तावेजों के संरक्षण का आयोग को अधिकार है और इऩ्हें अयोग्य करार दिए गए बीस विधायकों को नहीं दिया जा सकता। पीठ ने आयोग के वकील से कहा कि वह बताए कि क्या संरक्षण वाले हिस्से को छिपाकर इन्हें विधायकों को दिया जा सकता है। आप के अयोग्य करार दिए गए मामले में सुनवाई के दौरान यह दस्तावेज कोर्ट को दिए गए। इन विधायकों को 2015 में संसदीय सचिव बनाए जाने पर लाभ का पद मानते हए आयोग ने अयोग्य ठहराया था। इसके खिलाफ विधायकों ने अदालत की शरण ली है।
आयोग की दलील दी कि विधायक यह दावा नहीं कर सकते थे वह लाभ के पद पर नही थे। उन्हें जिन मंत्रियों के साथ लगाया था वह उनके साथ रोजमर्रा की गतिविधियों में शमिल थे। वह मंत्रियों का कार्यकारी कार्य करने के पात्र नहीं थे। इस मामले पर कल भी सुनवाई होगी। बता दें कि आप के अयोग्य करार दिए गए विधायकों की अधिसूचना पर स्टे देने से कोर्ट ने इंकार कर दिया था। चुनाव आयोग ने 19 जनवरी को राष्ट्रपति को आप विधायकों को अयोग्य करार देने संबंधी सिफारिश की थी और अगले दिन राष्ट्रपति ने इस पर मुहर लगा दी थी।