आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके परिवार की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 78 करोड़ की चल-अचल संपत्ति जब्त की है। ईडी ने यह कार्रवाई चंदा कोचर कोचर के खिलाफ 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन को मिले 3,250 करोड़ रुपये के लोन मामले में की है।
अधिकारियों ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत जिन संपत्तियों को कुर्क करने का अस्थाई आदेश जारी किया गया, उनमें कोचर का मुंबई आवास और उनसे जुड़ी एक कंपनी की संपत्तियां शामिल हैं। ईडी आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को दिए गए लोनमामले में हुई कथित अनियमितताओं और मनी लांड्रिग मामले में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और अन्य के खिलाफ जांच कर रही है।
बर्खास्तगी को दी है कोर्ट में चुनौती
वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज द्वारा कोचर के पति की कंपनी में निवेश को लेकर गड़बड़ी के आरोपों के बाद चंदा कोचर ने अक्टूबर 2018 में इस्तीफा दे दिया था। हाल ही में उन्होंने अपने खिलाफ बैंक से बर्खास्तगी को बंबई हाई कोर्ट में चुनौती दी है। उनकी दलील थी किउन्होंने अक्टूबर 2018 में जल्दी रिटायरमेंट की घोषणा की थी और बैंक ने स्वीकार कर लिया था
ये है पूरा मामला
2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये का लोन मिला था। आरोप है कि वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने 2010 में 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड को दिए थे। इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था। चंदा कोचर के पति दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को लोन लेने वालों की तरफ से वित्तीय फायदे पहुंचाए गए। आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक से लोन मिलने के 6 महीने बाद धूत ने कंपनी का स्वामित्व दीपक कोचर के एक ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिया।