हिन्दी और दक्षिण भारतीय फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता प्रकाश राज की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। ईडी ने प्रकाश राज को पोंजी घोटाले और धोखाधड़ी मामले में समन भेजा है और पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी आधिकारियों ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी है। ये जांच तिरुचिरापल्ली स्थित एक पार्टनरशिप फर्म प्रणव ज्वेलर्स के खिलाफ एक मामले से संबंधित है। एजेंसी ने प्रणव ज्वेलर्स पर 20 नवंबर को छापा मारा था और 23.70 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और कुछ सोने के आभूषण जब्त करने का दावा किया था।
सूत्रों के अनुसार प्रकाश राज प्रणव ज्वेलर्स के ब्रैंड एंबेसडर रह चुके हैं। उन्हें अगले सप्ताह चेन्नई में संघीय एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।ईडी का मामला तमिलनाडु पुलिस आर्थिक अपराध शाखा की एक एफआईआऱ के बाद सामने आया है।प्रवर्तन निदेशालय तिरुचिरापल्ली स्थित आभूषण समूह के खिलाफ कथित 100 करोड़ रुपये के पोंजी और धोखाधड़ी मामले की जांच में किसी किस्म की कोताही बरतने के मूड में नहीं है।
सूत्रों के अनुसार “ईडी ने कंपनी द्वारा उन्हें किए गए कुछ कथित भुगतान और कुछ अन्य वित्तीय लेनदेन का पता लगाने के लिए उनका बयान दर्ज करने का फैसला किया।”इसी कारण प्रकाश राज को समन भेजा गया है।
ईडी के अनुसार, जांच एजेंसी ने मेसर्स प्रणव ज्वैलर्स और अन्य के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा, त्रिची द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर पर जांच शुरू की, जिसमें आरोप लगाया गया कि मेसर्स प्रणव ज्वैलर्स द्वारा इसकी आड़ में जनता से 100 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे । उच्च रिटर्न के वादे के साथ स्वर्ण निवेश योजना में मेसर्स प्रणव ज्वैलर्स इन निवेशकों को राशि लौटाने में विफल रहा है।
ईडी की जांच से पता चला है कि मेसर्स प्रणव ज्वैलर्स और अन्य जुड़े व्यक्तियों ने सराफा/सोने के आभूषणों की खरीद की आड़ में सार्वजनिक धन को फर्जी संस्थाओं/प्रवेश प्रदाताओं को हस्तांतरित करके जनता को धोखा दिया। यह भी पता चला कि मेसर्स प्रणव ज्वैलर्स की पुस्तकों में आपूर्तिकर्ता पार्टियां प्रवेश प्रदाता थीं, जिन्होंने जांच के दौरान मेसर्स प्रणव ज्वैलर्स को 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के लिए समायोजन/आवास प्रविष्टियां प्रदान करने की बात कबूल की और नकद देने की बात भी कबूल की।