शायद यह पहला मौका होगा जब ईद के त्योहार पर लोग आज मस्जिद की जगह घर पर ही नमाज अदा कर रहे हैं। इससे पहले ऐसा किसी ने भी न देखा होगा न ही सोचा होगा। देश में कोरोना वायरस के खतरे के चलते 31 मई तक लॉकडाउन लगा हुआ है और इस कारण देश के सभी मंदिर और मस्जिदों में जानें पर रोक लगी हुई है। लॉकडाउन और कोविड-19 के कारण ईद के मौके पर आज दिल्ली की जामा मस्जिद बंद है।
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हर बार की तरह इस बार ईद की रंगत और रौनक फीकी दिख रही है। लॉकडाउन के कारण इस त्योहार के दौरान हमेशा रहने वाली चहल-पहल और लोगों की भीड़ पूरी तरह से गायब नजर आ रही है।
रविवार को दिखा ईद का चांद
ईद-उल-फितर का चांद देश के विभिन्न हिस्सों में रविवार (24 मई) को नजर आया। इसी के साथ सोमवार को ईद मनाई जा रही है। वहीं, कोरोना वायरस के प्रसार पर नियंत्रण के लिए देश में लगे लॉकडाउन के कारण मस्जिदों समेत तमाम धार्मिक स्थल बंद होने के कारण मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लोगों से घर पर ही ईद की नमाज अदा करने का आग्रह किया है।
सड़कों पर पसरा सन्नाटा
बता दें कि इस पर्व के हफ्तों पहले से जहां बाजार गुलजार हो जाते थे और खरीददारी के लिए लोगों का हुजूम उमड़ता था। वह नजारा इस बार बाजार से पूरी तरह से नदारद है। सड़कों पर सन्नाटा पसरा है और इक्का दुक्का दुकानें ही खुली हुई हैं। कोरोना वायरस के खतरे के चलते कई मुस्लिम धर्म गुरुओं ने भी लोगों से अपील की है कि वे मस्जिदों में न जाएं और घर ही नमाज अदा करें।
लोगों से की गई ये अपील
दिल्ली के प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरुओं ने रविवार को लोगों से अपील की कि वे ईद मनाते समय सामाजिक मेलजोल से दूरी के नियम पर अमल के साथ-साथ लॉकडाउन नियमों का पालन करें। फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि चांद दिख गया है और सोमवार (25 मई) को ईद मनाई जाएगी। उन्होंने कहा, ''हमने लोगों से एक-दूसरे को गले लगाने और हाथ मिलाने से बचने के लिए कहा है।''
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने लोगों से सादगी से ईद मनाने और गरीब लोगों तथा अपने पड़ोसियों की मदद करने की अपील की। उन्होंने कहा, ''कोरोना वायरस के कारण ईद की नमाज पारंपरिक तौर पर अदा नहीं की जा सकेगी, लेकिन लोगों समझना चाहिए कि केवल सावधानी बरतने से ही वायरस को हराया जा सकता है।''