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जोशी हत्याकांड में साध्वी प्रज्ञा समेत आठ बरी

देवास की एक स्थानीय अदालत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड मामले में आज साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी आठ आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पुलिस और एनआईए दोनों ने किसी पूर्वाग्रह या अज्ञात कारण से प्रकरण में लचर अनुसंधान किया।
जोशी हत्याकांड में साध्वी प्रज्ञा समेत आठ बरी

जोशी की 29 दिसंबर 2007 को देवास के औद्योगिक पुलिस थाना इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गर्ई थी। प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव मधुसूदन आपटे ने आज इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, हर्षद सोलंकी, वासुदेव परमार, रामचरन पटेल, आनंदराज कटारिया, लोकेश शर्मा, राजेन्द्र चौधरी और जितेंद्र शर्मा सहित सभी आठ आरोपियों को यह कहकर बरी कर दिया है कि इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।

प्रज्ञा के वकील रघुवीर यरदी ने बताया कि अदालत ने अपने फैसले में कहा कि  अभियोजन द्वारा एकत्रित समग्र साक्ष्य के विश्लेषण उपरांत यह प्रकट हुआ है कि हत्या जैसा संवेदनशील एवं गंभीर प्रकरण में मप्र पुलिस औद्योगिक क्षेत्रा देवास एवं राष्टीय अनुसंधान अभिकरण (एनआईए) दोनों ही अनुसंधान एजेंसियों ने पूर्वाग्रह अथवा अज्ञात कारणों से गंभीरतापूर्वक अनुसंधान नहीं करते हुए जिसे दुर्बल प्रकृति की परस्पर प्रतिकूल साक्ष्य एकत्रित की गई है वह अभियुक्तगण को उन पर विरचित आरोपों में दोषसिद्ध किए जाने हेतु पर्याप्त नहीं होते हुए ऐसी विरोधाभासी स्वरूप की साक्ष्य से अभियोजन के कथानक पर ही गंभीर संदेह उत्पन्न हो गया है।

इस मामले में कुल 8 आरोपी थे। मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा भोपाल में न्यायिक अभिरक्षा में उपचाररत हैं। इसलिए आज अदालत में उपस्थित नहीं हुई, जबकि दूसरा आरोपी हर्षद सोलंकी अजमेर जेल में और आरोपी लोकेश शर्मा और राजेंद्र चौधरी समझौता विस्फोट मामले में हरियाणा की पंचकूला जेल में बंद हैं। इस मामले के चार अन्य आरोपी जितेंद्र शर्मा, रामचरण पटेल, वासुदेव परमार और आनंदराज कटारिया जमानत पर चल हैं। (एजेंसी)

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