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एक बार फिर विवादों में फेसबुक, 60 कंपनियों से यूजर्स का डेटा शेयर करने का आरोप

कैम्ब्रिज एनालिटिका विवाद के बाद फेसबुक पर एक बार फिर यूजर्स के डेटा की प्राइवेसी पॉलिसी को साझा करने...
एक बार फिर विवादों में फेसबुक, 60 कंपनियों से यूजर्स का डेटा शेयर करने का आरोप

कैम्ब्रिज एनालिटिका विवाद के बाद फेसबुक पर एक बार फिर यूजर्स के डेटा की प्राइवेसी पॉलिसी को साझा करने को लेकर आरोप लगा है। आरोप है कि फेसबुक ने ऐपल और अमेजन सहित करीब 60 फोन निर्माताओं के साथ डाटा साझा करने के लिए साझेदारी की है। ना सिर्फ यूजर्स बल्कि उनके दोस्तों के पर्सनल डेटा का इस्तेमाल भी ये कंपनियां कर सकती थी।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। अभी पिछले दिनों ही 8.7 करोड़ लोगों के निजी डेटा को गलत तरीके से साझा करने पर फेसबुक को तीखी आलोचनाएं झेलनी पड़ी थी और अब यह रिपोर्ट सामने आई है।

टाइम्स की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है यह ब्रिटिश राजनीतिक सलाहकार कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका से जानकारी साझा करने से जुड़े हाल में घटित मामले के बाद फेसबुक के लोगों के डाटा उपयोग से जुड़े आचरण को दिखाता है।

साल 2004 में स्थापित फेसबुक ने ऐपल, अमेजन, ब्लैकबेरी, माइक्रोसॉफ्ट और सेमसंग समेत कम से कम 60 हैंडसेट विनिर्माता कंपनियों के साथ फेसबुक ने डाटा साझा करने संबंधी समझौते किए हैं। 

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रिपोर्ट में कंपनी के अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि डाटा साझा करने के समझौते का काम बहुत पहले शुरू कर दिया गया था जबकि स्मार्टफोन पर फेसबुक के ऐप का पूरी तरह प्रसार भी नहीं हुआ था। फेसबुक 2004 में शुरू हुई। उसने दस साल में कम से कम 60 हैंडसेट विनिर्माताओं से इस तरह का समझौता किया है।

इन समझौतों ने फेसबुक को अपनी पहुंच बढ़ाने का मौका दिया और फोन विनिर्माताओं को सोशल नेटवर्क साइट के ‘लाइक’ जैसे इत्यादि कई फीचर ग्राहकों को पेश करने की छूट दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह के समझौते कंपनी द्वारा 2011 में अमेरिका के संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) के साथ किए गए निजता सुरक्षा एवं अनुपालन आदेश को लेकर चिंताएं बढ़ाता है।

टाइम्स की रिपोर्ट में कहा है कि फेसबुक ने इन कंपनियों को उपयोक्ताओं और उनके दोस्तों के डाटा तक पहुंच उपलब्ध कराई और इसके लिए उनसे कोई शुरुआती सहमति भी नहीं ली गई और यह तब किया गया जब कंपनी ने घोषणा की कि वह किसी बाहरी के साथ इस तरह की जानकारी साझा नहीं करती है।

इस रिपोर्ट में पाया गया कि इन कंपनियों की पहुंच उपयोक्ता के दोस्तों की निजी जानकारी तक भी हो सकती है। हालांकि, अखबार के साथ साक्षात्कार में फेसबुक ने अपने डाटा साझेदारी समझौतों का बचाव किया और कहा कि यह उसकी निजता नीति, एफटीसी के साथ समझौते और उपयोक्ताओं के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरुप है।

कंपनी के उपाध्यक्ष इमे आर्जिबांग ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा कि यह साझेदारियां जिस तरह से एप बनाने वाले हमारे प्लेटफार्म का उपयोग करते हैं, उसके हिसाब से बहुत अलग तरह से काम करती हैं।

हालांकि, इस बारे में बर्कले के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में निजता पर शोध करने वाले सर्ज ईगलमेन का कहना है कि आप फेसबुक और इन हैंडसेट निर्माता कंपनियों पर भरोसा कर सकते हैं। लेकिन समस्या यह है कि जितना ज्यादा डाटा आपके हैंडसेट पर संग्रह होगा और अगर उस पर उपलब्ध एप की उन तक पहुंच होगी तो यह निजता और सुरक्षा के लिए गंभीर जोखिम है।

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