तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को भारतीय किसान यूनिय के नेता राकेश टिकैत ने जन-जन का आंदोलन बताया। उन्होंने कहा कि इस बार हम 15 अगस्त (August 15) का झंडा दिल्ली से दूर हिमालय की गोद में गुरु के दरबार में किसी ऐसे गांव में जाकर वहां के किसानों के साथ मनाएंगे, जहां अभी तक शायद ही कोई खैर खबर लेने गया होगा।
टिकैत ने देशभर के किसानों से अपील है कि इस स्वतंत्रता दिवस पर किसान अपने घरों की छतों पर, गाड़ियों पर और यूपी गेट के किसान यहां अपने-अपने अस्थाई झोपड़ियों पर झंडा फहराएंगे।
आपको बता दें कि कई दिन पहले तक कुछ किसान संगठन दिल्ली के अंदर तिरंगा फहराने पर अड़े हुए थे, लेकिन राकेश टिकैत के इस एलान के बाद दिल्ली में तिरंगा फहराने के कयास खत्म हो गए हैं।
शुक्रवार को राजस्थान से आए प्रतिनिधिमंडल ने भाकियू नेता से मुलाकात की। इनमें महिलाएं और पुरुष शामिल रहे। सभी ने राकेश टिकैत को अपनी समस्याएं बताकर समाधान की मांग की। उन्होंने आश्वासन दिया कि खाप पंचायत के बीच में सभी का न्याय होगा।
इससे पहले 13 अगस्त को राकेश टिकैत ने किसानों की आवाज को बुलंद करते हुए कहा है कि यह आंदोलन अब सिर्फ किसानों का ही नहीं बल्कि हर बच्चे, महिला, बुजुर्गों से बढ़कर उन बेरोजगार युवकों और हर देशवासियों का बन चुका है, जो इस सरकार से पीड़ित हैं। अब यह जन-जन का आंदोलन बन चुका है। उन्होंने कहा कि यह अंदर की बात है। अब फोर्स भी हमारे साथ है। टिकैत साहब की इन बातों से लगा कि यह आंदोलन अब जेपी आंदोलन की तरह एक नया मोड़ ले रहा है।