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गुजरात में किसानों का प्रदर्शन विपक्ष का राजनीतिक स्टंट है: विजय रूपाणी

पिछले दिनों हुए किसान आंदोलन को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के कई नेताओं की तरफ से अजीबोगरीब बयान सामने...
गुजरात में किसानों का प्रदर्शन विपक्ष का राजनीतिक स्टंट है: विजय रूपाणी

पिछले दिनों हुए किसान आंदोलन को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के कई नेताओं की तरफ से अजीबोगरीब बयान सामने आए। अब इस कड़ी में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का नाम भी जुड़ गया है। रुपाणी ने आरोप लगाया है कि राज्य में चल रहा किसान आंदोलन विपक्ष का ‘राजनीतिक स्टंट’ है और कृषकों से अपील की कि गुमराह न हों। वहीं, इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने भी किसान आंदोलन को लेकर एक विवादित बयान दे डाला था।  

गुजरात के सीएम रूपाणी ने कहा कि राज्य सरकार हमेशा किसानों का ख्याल रखती है, उनकी समस्याओं पर ध्यान देती है और उनकी समस्याओं का समाधान करने का लगातार प्रयास करती है। केंद्र और गुजरात की सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए तैयार है। इसलिए इस बार राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पांच करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों की खरीद की है।

किसानों का प्रदर्शन विपक्ष का राजनीतिक स्टंट है: रूपाणी

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विजय रूपाणी ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर कहा, ‘गुजरात में किसानों का प्रदर्शन विपक्ष का राजनीतिक स्टंट है और यह सिर्फ इसलिए हो रहा है कि अगले वर्ष लोकसभा चुनाव होने वाले हैं।’

विपक्ष किसानों की समस्याओं को तभी याद करता है जब चुनाव नजदीक होते हैं

उन्होंने कहा, ‘विपक्ष किसानों की समस्याओं को तभी याद करता है जब चुनाव नजदीक होते हैं लेकिन गुजरात के किसान विपक्षी दलों से गुमराह नहीं होंगे।’ कांग्रेस ने कल राज्यव्यापी प्रदर्शन किए थे जिस दौरान किसानों ने सड़कों पर कृषि उत्पाद और दूध फेंका था।

मीडिया में आने के लिए किसान ऐसा करते हैं: राधा मोहन सिंह

गौरतलब है कि पिछले दिनों विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब, मध्यप्रदेश समेत देश के सात राज्यों में किसान हड़ताल पर थे। किसानों ने एक जून से 10 जून ‘गांव बंद’ का ऐलान किया था। इन सबके बीच जब केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से मीडिया ने जब सवाल किया गया तो उन्होंने इसे लेकर एक विवादित बयान दे डाला था। कृषि मंत्री ने कहा कि मीडिया में आने के लिए किसान ऐसा करते हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा था कि देश में 12-14 करोड़ किसान हैं। किसी भी संगठन में हज़ार, डेढ़ हजार, दो हजार किसान स्वाभाविक है और मीडिया में आने के लिए कुछ अनोखा काम करना ही पड़ता है। जो ना होता हो तो ये स्वाभाविक है, लेकिन उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की चर्चा करते हुए कहा कि वहां के शिवराज सरकार ने जितना किसानों के किए काम किया है उतना किसी अन्य सरकार ने नहीं किया है।

 

क्या थी किसानों की मांग?

 

पंजाब के फरीदकोट में किसानों ने अपनी सब्जियां, फल और दूध को सड़क पर फेंक दिया है और इनकी आपूर्ति शहरों में करने पर रोक लगा दी है। किसानों की मांग है कि उनके ऋण को माफ किया जाए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए। पिछले साल 6 जून को मंदसौर में हड़ताल कर रहे किसानों पर फायरिंग की गई थी। 10 दिनों की हड़ताल के चलते मंदसौर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। किसानों का कहना है कि वह किसान अवकाश के दौरान शहरों तक फल, सब्जियां और अनाज की आपूर्ति नहीं करेंगे।

 

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