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सरकार और RBI में तनातनी के बीच बोले जेटली, जब बैंक लोन दे रहे थे तो रिजर्व बैंक अनदेखी कर रहा था

देश की बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के बाद अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) और केंद्र की मोदी सरकार के बीच...
सरकार और RBI में तनातनी के बीच बोले जेटली, जब बैंक लोन दे रहे थे तो रिजर्व बैंक अनदेखी कर रहा था

देश की बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के बाद अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) और केंद्र की मोदी सरकार के बीच तनातनी की खबरों को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रिजर्व बैंक की जमकर आलोचना की।

वित्त मंत्री जेटली ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान आरबीआई की आलोचना करते हुए कहा कि जब 2008 से 2014 के बीच बैंक मनमाने ढंग से कर्ज दे रहे थे तो रिजर्व बैंक इसकी अनदेखी करता रहा। इसके ठीक पहले आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने शुक्रवार को एक भाषण में कहा था कि सरकार अगर आरबीआई की स्वायत्तता में दखल देती है तो ये खासा नुकसानदेह हो सकता है।

दोनों पक्षों को बंद कमरों में मतभेद सुलझाने चाहिए: चिदंबरम

सरकार और आरबीआई को लेकर आ रही इस तरह की खबरों के बीच पी. चिदंबरम ने तंज कसते हुए कहा कि अच्छा होगा कि दोनों पक्षों को बंद कमरों में मतभेद सुलझाने चाहिए। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि मामला बहुत ही गंभीर है और अच्छा होगा कि आरबीआई और सरकार एक दूसरे को लेक्चर देकर बात न करें, हमारे पास पहले से ही दो लोग हैं।

 

सरकार द्वारा RBI की स्वायत्तता को खतरा

 

आरबीआई बैंक के कर्मचारी यूनियन ने चिट्ठी लिखकर कहा है कि सरकार की तरफ से बैंक की स्वायत्तता को खतरा पहुंचाया जा रहा है। कर्मचारियों ने डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के उस बयान का भी समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने सरकार की दखलअंदाजी को लेकर कामकाज किया था।

स्वायत्ता को नजरअंदाज करना विनाशकारी

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने एक बार फिर मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक आरबीआई कोई सरकारी विभाग नहीं है। और सरकार को इसे अर्थव्यवस्था में सुधार लाने से ज्यादा इसको स्वायत्तता देने की जरूरत है। डिप्टी गवर्नर ने कड़े शब्दों में कहा था कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को नजरअंदाज करना विनाशकारी हो सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर सरकार आरबीआई की स्वायत्तता का सम्मान नहीं करेंगी तो उन्हें बाजार के गुस्से का सामना करना पड़ेगा।

आरबीआई की नीतियां नियमों पर आधारित होनी चाहिए: विरल आचार्य

विरल आचार्य ने कहा कि आरबीआई की नीतियां नियमों पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार चुनाव जैसे मुद्दों को ध्यान में रखकर टी-20 वाली सोच के साथ फैसले लेती है, लेकिन आरबीआई को टेस्ट मैच खेलना पसंद है। क्योंकि बैंक का इरादा भी हमेशा जीतने का रहता है, लेकिन साथ-साथ भविष्य की चुनौतियों पर भी बैंक की नजर रहती है।

राहुल ने भी मोदी सरकार को लिया आड़े हाथों

इस पूरे मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि यह देखना सुखद है कि आखिरकार भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल केंद्रीय बैंक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘बचा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि देश भाजपा-आरएसएस को संस्थाओं पर कब्जा नहीं करने देगा।

आरबीआई के बचाव में आने में कोई विशेष देरी नहीं हुई: राहुल गांधी

पटेल और ‘टीम मोदी’ के बीच टकराव की खबरों के बाद गांधी ने कहा कि गवर्नर के आरबीआई के बचाव में आने में कोई विशेष देरी नहीं हुई है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘यह अच्छा है कि आखिरकार पटेल आरबीआई को ‘मिस्टर 56’ से बचा रहे हैं। कभी नहीं से विलंब बेहतर, भारत भाजपा/आरएसएस को हमारी संस्थाओं पर कब्जा नहीं करने देगा’।

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