इलाहाबाद बैंक की मुख्य कार्याधिकारी (सीइओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) उषा अनंतसुब्रह्मण्यन का नाम पीएनबी घोटाले में दाखिल आरोपपत्र में आने को वित्त मंत्रालय ने काफी गंभीरता से लिया है। मंत्रालय ने इलाहाबाद बैंक बोर्ड को निर्देश दिया है कि सीइओ के सारे अधिकार छीन लिए जाएं। उषा पीएनबी की पूर्व प्रमुख रही हैं और सोमवार को मुंबई में पीएनबी में दो अरब डॉलर से अधिक के वित्तीय घोटाले के माले में दाखिल आरोपपत्र में उनका नाम शामिल है।
वित्त सचिव राजीव कुमार ने दिल्ली में सोमवार को बताया कि पीएनबी के बोर्ड से भी कहा गया है कि वह अपने दोनों कार्यकारी निदेशकों के अधिकार छीने। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद बैंक बोर्ड अपनी बैठक बुलाएगा और सीइओ व एमडी के अधिकार छीनने पर फैसला लेगा।
Today, we have directed directors of PNB and Allahabad bank to divest all the powers of those who are accused: Rajiv Kumar, Secretary, DFS on PNB Scam case pic.twitter.com/y2Rl5ubKET
— ANI (@ANI) May 14, 2018
वित्त मंत्रालय की ओर से यह घोषणा सीबीआइ द्वारा पीएनबी घोटाले में पहले आरोपपत्र दाखिल होने के बाद की गई है।
मुंबई स्थित विशेष अदालत में दायर आरोपपत्र में पीएनबी कई अन्य शीर्ष अधिकारियों का भी नाम है। उषा 2015 से 2017 तक पीएनबी की एमडी एवं सीइओ थीं। सीबीआई ने उनसे हाल में ही इस मामले के संबंध में पूछताछ की थी। सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में कार्यकारी निदेशकों केवी ब्रह्मजी राव तथा संजीव शरण और महाप्रबंधक (अंतरराष्ट्रीय परिचालन) निहाल अहद का भी नाम लिया है।