जानकारी के मुताबिक, इस दिशा में कोच्चि मेट्रो ने एक अनोखी पहल की है। जल्द शुरू होने वाली कोच्चि मेट्रो में ट्रांसजेंडर समूह के 23 लोगों को अलग-अलग पदों पर नियुक्त किया है, हाउसकीपिंग से लेकर टिकट काउंटर पर ये लोग काम करते दिखाई देंगे। अपने आप में यह पहली सरकारी कंपनी बनने जा रही है, जिसने आधिकारिक तौर पर इन्हें नियुक्त किया है। अगर इनकी परफॉर्मेंस अच्छी रही, तो बाकी के ट्रांसजेंडर को नौकरी का मौका मिलेगा।
दरअसल, सभी का चयन आम प्रतिभागियों की तरह लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से हुआ है। इन्हें जरूरी प्रशिक्षण देने के बाद मौजूदा सभी 11 स्टेशनों पर तैनात किया जाएगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट अप्रैल 2014 के एक अहम फैसले में ट्रांसजेंडर्स को तीसरे लिंग के रूप में पहचान दे चुका है। कोर्ट के फैसले से पहले उन्हें मजबूरी में अपना जेंडर 'पुरुष' या 'महिला' बताना पड़ता था, और अब जब कोच्ची मेट्रो ने ये सराहनीय कदम उठाया है तो कहा जा सकता है कि आने वाले वक्त में कोच्ची मेट्रो स्थानीय लोगों को तो अपनी मंजिल पर पहुंचाएगी ही साथ ही समाज को सही रास्ता दिखाना भी शुरु कर दिया है। कोच्चि
मेट्रो के प्रमुख इलियास जॉर्ज का कहना है कि हमारी यह पहल केरल के समाज का मानवीय पहलू सामने के लिए है। हमें उम्मीद है कि हमारी यह अनोखी पहल बेहद सफल रहेगी। हमें आशा है कि और भी संस्थान ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को अपने फर्म में जगह देंगे।