देश के पूर्व रक्षा मंत्री और समता पार्टी के संस्थापक जॉर्ज फर्नांडिस का 88 वर्ष की उम्र में मंगलवार सुबह सात बजे निधन हो गया। उन्होंने राजधानी दिल्ली में अंतिम सांस ली। बताया जाता है कि हाल में उन्हें स्वाइन फ्लू हो गया था और लंबे समय से अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित चल रहे थे।
उनके निधन से राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, समेत कई राजनीतिज्ञों ने शोक व्यक्त किया है। वहीं, बिहार सरकार ने दो दिन के शोक की घोषणा कर दी है।
जॉर्ज फर्नांडीज का जन्म 3 जून 1930 को मंगलुरु में कैथोलिक परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जॉन जोसेफ फर्नांडीज था और उनकी माता का नाम एलिस मार्था फर्नांडीस था। उनकी मां किंग जॉर्ज फिफ्थ की बड़ी प्रशंसक थीं। उन्हीं के नाम पर अपने छह बच्चों में से सबसे बड़े का नाम उन्होंने जॉर्ज रखा था।
जॉर्ज फर्नांडिस 10 भाषाओं के जानकार थे। वह हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, मराठी, कन्नड़, उर्दू, मलयाली, तुलु, कोंकणी और लैटिन भाषा जानते थे।
यादगार रहा राजनीतिक सफर
जॉर्ज फर्नांडिस का देश की राजनीति में काफी योगदान रहा है। वे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रक्षा मंत्री थे। केंद्र में जब मोरारजी देसाई की अगुवाई में जनता पार्टी की सरकार बनी तो उन्हें उद्योग मंत्री बनाया गया।
बाद में जनता पार्टी टूटी, फर्नांडिस ने अपनी पार्टी समता पार्टी बनाई। वीपी सिंह की सरकार में वह रेल मंत्री भी रहे। नौ बार लोकसभा के सांसद रहे तथा संसद की कई कमेटियों का हिस्सा रहे। उन्होंने एनडीए के संयोजक के रूप में भी अहम भूमिका निभाई।
जेल से लड़ा था चुनाव
1975 में इंदिरा गांधी की ओर से लगाए गए आपातकाल के विरोध में जॉर्ज फर्नांडिस ने आवाज उठाई थी जिसके चलते उन्हें जेल में डाल दिया गया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने पगड़ी पहन और दाढ़ी रख कर सिख का भेष धारण किया था। जेल में रहते हुए ही फर्नांडिस ने 1977 का लोकसभा चुनाव बिहार की मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से लड़ा और रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की।
जॉर्ज फर्नांडिस ने रक्षा क्षेत्र में कई अहम फैसले लिए। उनके रक्षा मंत्री रहते हुए कारगिल युद्ध और पोखरन परमाणु परीक्षण हुआ था।
पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने 1974 में ऑल इंडिया रेलवेमैन फेडरेशन के प्रमुख थे। तब उन्होंने रेल हड़ताल की थी जिसने सरकार को काफी परेशान किया था। इस रेल हड़ताल के बाद वह कद्दावर नेता के तौर पर उभरे।
लोकतंत्र के सेनानी रहेः राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि रक्षा मंत्री के रूप में तथा अनेक क्षेत्रों में भारत की सेवा करने वाले जॉर्ज फर्नांडीस के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। वे ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ के आदर्श का उदाहरण थे। आपातकाल और उसके बाद भी, वे लोकतंत्र के सेनानी रहे। हम सभी को उनकी कमी महसूस होगी।‘
बेबाक और निर्भीक थेः पीएम
पीएम नरेंद्र मोदी ने फर्नांडिस के निधन पर शोक व्यक्त किया है। पीएम ने ट्वीट कर कहा, 'जॉर्ज साहब ने भारत की बेहतरीन लीडरशिप का प्रतिनिधत्व किया। वह बेबाक और निर्भीक थे। उन्होंने देश के लिए अमूल्य योगदान दिया। वह गरीबों की सबसे मजबूत आवाज थे। उनके निधन से दुखी हूं।'
परिवार के प्रति मेरी संवेदनाः राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ' पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ।' उन्होंने कहा, 'दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदना है।'
नीतीश कुमार हुए भावुक, कहा- खो दिया अभिभावक
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक प्रकट करते समय नीतीश कुमार भावुक हो गए। उन्होंने फर्नांडीस के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए कहा कि उन्होंने अपना अभिभावक खो दिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा, 'नई पार्टी बनी और उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में जो कुछ भी सीखने का अवसर मिला और आज जो कुछ भी लोगों की सेवा के लिए करने की कोशिश करते हैं। इसमें उनका मार्गदर्शन हम सभी लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।'