सीबीआई में हालिया विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस चेलमेश्मर ने कहा कि सीबीआई में किसी तरह का कोई कानूनी ढांचा तैयार नहीं किया गया।
कांग्रेस पार्टी से जुड़े संगठन ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस (एआईपीसी) की ओर से आयोजित एक परिचर्चा सत्र में सीबीआई में मचे घमासान पर पूछे जाने पर उन्होंने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालों में किसी ने भी संगठन का कानूनी ढांचा परिभाषित नहीं किया। यह एक संवैधानिक निकाय नहीं है न कि वैधानिक। इस ढांचे में ताकतवार शक्तियां हैं। सीबीआई का ढांचा दिल्ली स्पेशल एस्टाब्लिशमेंट एक्ट के तहत गठित किया गया था।
सीबीआई पर लगते रहे हैं आरोप
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि विपक्षी पार्टियां हमेशा ये आरोप लगाती हैं कि सत्तासीन पार्टी सीबीआई को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है लेकिन यह लंबे समय से चला आ रहा है। लोग जब स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं करते तो सीबीआई जांच की मांग करते हैं लेकिन यह भूल जाते हैं कि इसमें भी इंसान ही काम करते हैं और वह भी गलती कर सकते हैं।
इस साल की शुरुआत में जस्टिस चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के उन चार सीनियर जजों में शामिल थे जिन्होंने प्रेस कांफ्रेस कर तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कामकाज के तौर-तरीके पर सवाल उठाए थे तथा सुप्रीम कोर्ट को 'बचाने' की अपील की थी जिसके बाद खासा विवाद गहराया था।