Advertisement

जीसैट 18 सफलतापूर्वक प्रक्षेपित, पीएम मोदी ने इसरो को दी बधाई

भारत के नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट 18 का फ्रेंच गुयाना में कोउरू के अंतरिक्ष केंद्र से एरियनस्पेस राॅकेट के जरिए गुरुवार को सफल प्रक्षेपण किया गया। यह प्रक्षेपण पहले बुधवार को किया जाना था लेकिन कोउरू में मौसम खराब होेने के कारण इसे 24 घंटे के लिए टाल दिया गया था। कोउरू दक्षिणी अमेरिका के पूर्वाेत्तर तट स्थित एक फ्रांसीसी क्षेत्र है। पीएम मोदी ने इसरो को इस ऐतिहासिक सफलता पर बधाई दी है। मोदी ने सफल प्रक्षेपण को देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम का दूसरा मील का पत्थर बताते हुये वैज्ञानिको की सराहना की।
जीसैट 18 सफलतापूर्वक प्रक्षेपित, पीएम मोदी ने इसरो को दी बधाई

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन :इसरो: द्वारा निर्मित जीसैट 18 इसरो के 14 संचालित उपग्रहों के बेड़े को मजबूत कर भारत के लिए दूरसंचार सेवाएं प्रदान करेगा। मौसम साफ होने के साथ ही एरियन-5 वीए-231 भारतीय समयानुसार तड़के करीब दो बजे रवाना हुआ तथा जीसैट 18 को लगभग 32 मिनट की उड़ान के बाद कक्षा में भेज दिया। उपग्रह जीओसिंक्रोनस टांसफर आॅर्बिट :जीटीओ: में प्रक्षेपित किया गया।

इसरो ने मिशन के बाद घोषणा की कि जीसैट 18 को फ्रेंच गुयाना के कोउरू से एरियन 5 वीए-231 के जरिए सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया गया। जीसैट 18 यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा प्रक्षेपित किया जाने वाला इसरो का 20वां उपग्रह है और एरियनस्पेस प्रक्षेपक के लिए यह 280वां मिशन है।

जीसैट 18 यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा प्रक्षेपित किया जाने वाला इसरो का 20वां उपग्रह है तथा एरियनस्पेस प्रक्षेपक के लिए यह 280वां मिशन है। अपने भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए एरियन 5 राॅकेट पर निर्भर इसरो इस उद्देश्य के लिए जीएसएलवी एमके 3 विकसित कर रहा है। प्रक्षेपण के समय 3,404 किलोग्राम वजन रखने वाला जीसैट 18 नाॅर्मल सी बैंड, अपर एक्सटेंडेड सी बैंड और केयू बैंडों में सेवा प्रदान करने के लिए 48 संचार टांसपोंडर लेकर गया है।

उपग्रह के सफल प्रक्षेपण की घोषणा करते हुए एरियनस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीफन इस्राइल ने ट्वीट किया, हमें इसरो के साथ अपने मजूबत संबंधों पर गर्व है। बुधवार रात 20वां उपग्रह भेजा। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी के लिए प्रक्षेपित। बधाई।

जीटीओ में जीसैट 18 के प्रक्षेपण के साथ ही कर्नाटक के हासन में स्थित इसरो के प्रमुख नियंत्रण केंद्र :एमसीएफ: ने उपग्रह का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया और यह केंद्र उपग्रह की लिक्विड एपोजी मोटर :एलएएम: के जरिए इसे वृत्ताकार भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित कर इसकी कक्षा बदलने का काम करेगा।

इसरो ने कहा कि इसके बाद, सौर पैनल और एंटीना जैसे उपकरणों की तैनाती तथा उपग्रह का त्रिा-अक्ष स्थिरीकरण करने का कार्य किया जाएगा। जीसैट 18 को 74 डिग्री पूर्वी देशांतर में तथा अन्य परिचालित उपग्रहों के साथ सह स्थापित किया जाएगा। जीसैट 18 का सह यात्राी स्काई मस्टर 2 खास तौर पर आॅस्टेलिया के ग्रामीण तथा दूरस्थ क्षेत्राों में डिजिटल अंतराल को पाटने के लिए है। इसका निर्माण पालो आल्टो, कैलिफोर्निया सहित एसएसएल :स्पेस सिस्टम्स लोराल: ने किया है। भाषा एजेंसी 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad