चौधरी ने बताया कि प्रजापति और छह अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। इन सभी पर एक महिला से गैंगरेप और उसकी नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार के प्रयास का मुकदमा दर्ज है। उन्होंने बताया कि लुक आउट नोटिस जारी किया गया है और प्रजापति एवं उसके साथियों की तलाश में लखनउ, कानपुर एवं अमेठी में छापेमारी की जा रही है। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मामला दर्ज होने के बाद से ही प्रजापति फरार हैं।
प्रजापति के देश छोड़कर बाहर जाने की आशंका के मद्देनजर देश के हवाई अड्डों को कल ही एलर्ट कर दिया गया था। चौधरी ने कहा कि प्रजापति की जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स की भी मदद ली जा रही है। वह देश से बाहर नहीं जाने पाए, इसके प्रयास हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की नेपाल से सटी सीमा है और इस सीमा पर सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय बल सशस्त्रा सीमा बल (एसएसबी) की है। एसएसबी को भी प्रजापति के मामले में एलर्ट कर दिया गया है।
इस बीच सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रजापति के खिलाफ जल्द ही लेटर आफ कैंसेलेशन भेजा जाएगा। सभी हवाई अड्डों को एलर्ट कर दिया गया है ताकि 49 वर्षीयय सपा नेता देश छोडकर बाहर नहीं भागने पाये। लेटर आफ कैंसेलेशन तकनीकी भाषा में आव्रजन अधिकारियों को एलर्ट करने के लिए होता है ताकि कोई संदिग्ध देश छोड़कर बाहर ना भागने पाए।
ऐसे संदिग्ध का पासपोर्ट यदि देश के किसी भी हवाई अड्डे या सीमा पर आव्रजन मंजूरी के लिए पेश होता है तो कंप्यूटर अपने आप ही उपस्थित अधिकारी को एलर्ट कर देता है कि संदिग्ध को देश से बाहर नहीं जाने दिया जाए। उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रजापति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। वह पुलिस को लगातार चकमा देता आया है। (एजेंसी)