सरकार ने 10 यूट्यूब चैनलों के 45 वीडियो को ब्लॉक करने का आदेश दिया है जिनमें धार्मिक समुदायों के बीच नफरत फैलाने के इरादे से फर्जी खबरें और छेड़छाड़ की गई सामग्री है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को कहा कि अवरुद्ध वीडियो की कुल दर्शकों की संख्या 1.30 करोड़ से अधिक थी और दावा किया कि सरकार ने कुछ समुदायों के धार्मिक अधिकार छीन लिए हैं। ठाकुर ने कहा, "इन चैनलों में ऐसी सामग्री थी जो समुदायों के बीच भय और गलत धारणा फैलाती है।" ठाकुर ने कहा कि इससे पहले सरकार ने साम्प्रदायिक विद्वेष पैदा करने वाले 102 यूट्यूब चैनल और फेसबुक अकाउंट को ब्लॉक कर दिया था।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अवरुद्ध सामग्री में धार्मिक समुदायों के बीच नफरत फैलाने के इरादे से फैलाई गई फर्जी खबरें और मॉर्फ्ड वीडियो शामिल हैं। बयान में कहा गया है,"मंत्रालय द्वारा अवरुद्ध किए गए कुछ वीडियो का इस्तेमाल अग्निपथ योजना, भारतीय सशस्त्र बलों, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र, कश्मीर से संबंधित मुद्दों पर दुष्प्रचार फैलाने के लिए किया जा रहा था।"
इसमें कहा गया है कि सामग्री को राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी देशों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के दृष्टिकोण से गलत और संवेदनशील माना गया था। बयान में कहा गया है कि वीडियो को ब्लॉक करने का आदेश 23 सितंबर को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 के प्रावधानों के तहत जारी किया गया था।