केन्द्र की तरफ से बुधवार को दिए गए नए प्रस्ताव में एमएसपी और एपीएमसी कानून में बदलाव की बातें है. लेकिन, प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने रुख को और कड़ा कर लिया है। किसानों ने कहा कि अगर सरकार कानून वापस नहीं लेने की अपनी जिद पर अड़ी हुई है तो किसान भी अपने रूख पर कायम हैं।
नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध के बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान वापस नहीं जाएंगे। यह सम्मान का मामला है। ऐसे में वो इससे पीछे नहीं हटेंगे। सरकार कानून में कुछ बदलाव सुझा रही है, लेकिन हमारी मांग कानून को वापस लेने की है। अगर सरकार जिद पर अड़ी है तो हम भी अड़े हैं।
किसान संघर्ष समिति, पंजाब के कंवलप्रीत ने सिंघु बॉर्डर पर कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। यह हमारी मांग है। अगर प्रस्तावित वार्ता सिर्फ संशोधन को लेकर है तो हम उसे खारिज करते हैं।
किसान आंदोलन का आज बुधवार को 14वां दिन है। सरकार के साथ किसानों की अब तक हुई बातचीत का कोई भी नतीजा नहीं निकल पाया। किसान अब कानूनों की पूर्ण रूप से वापसी चाहते हैं जबकि सरकार ने यह साफ कर दिया है कि किसानों को जिन चीजों पर आपत्ति है उसमें संशोधन किया जाएगा लेकिन कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा।