कोविड-19 महामारी के चलते जारी लॉकडाउन में सरकार ने कुछ और गतिविधियों की छूट दी है। इनमें शहरी इलाकों में स्थित ब्रेड फैक्ट्री, आटा मिलें, दाल मिलें और दूध के प्रोसेसिंग प्लांट शामिल हैं। इसके साथ ही, प्रीपेड मोबाइल रिचार्ज की दुकानों को खोलने, इलेक्ट्रिक फैन और स्कूली किताबों की बिक्री की भी इजाजत है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को इस सिलसिले में दिशानिर्देश जारी किया।
मंगलवार को मंत्रालय ने कहा कि शहरी इलाकों में स्थित लॉकडाउन की अवधि में ब्रेड फैक्ट्री, आटा और दाल मिलें, दूध प्रोसेसिंग प्लांट जैसी फूड प्रोसेसिंग यूनिट को भी कामकाज शुरू करने की अनुमति दी गई है। हालांकि इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
बुजुर्गों की देखभाल करने वालों को जाने की इजाजत
वरिष्ठ नागरिकों के अटेंडेंट या बुजुर्गों के घर में उनकी देखभाल करने वालों को भी जाने की इजाजत होगी। दुकानों पर प्रीपेड मोबाइल फोन भी रीचार्ज किए जा सकेंगे। हालांकि ऑनलाइन रीचार्ज पहले ही किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि पूरे देश में 25 मार्च से लॉकडाउन है। पहले यह 21 दिन का था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की।
कृषि बागवानी से जुड़े शोध केंद्रों को अनुमति
गृह मंत्रालय ने बताया कि अब तक जारी दिशा-निर्देशों के तहत सेवाओं और गतिविधियों को मिली छूट को लेकर आ रहे प्रश्नों को देखने के बाद नए सिरे से नोट जारी किया जा रहा है। इस दौरान कृषि एवं बागवानी से जुड़े शोध केंद्र, बीजों व बागवानी उत्पादों के जांच केंद्र भी काम कर सकते हैं। मधुमक्खियों का छत्ता, शहद और इस तरह के अन्य उत्पादों को राज्य के भीतर या एक से दूसरे राज्यों में ले जाने की भी अनुमति है।
बंदरगाहों के लिए जारी किया एसओपी
मंत्रालय ने कहा कि निचले स्तर पर किसी तरह का भ्रम नहीं पैदा हो, इसलिए जिला अधिकारियों और फील्ड एजेंसियों को इस संबंध में सूचित किया जाए। मंत्रालय ने बंदरगाहों पर गतिविधियों के लिए भी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी किया है।
20 अप्रैल से लॉकडाउन में दी गई है ढील
गृह मंत्रालय ने 15 अप्रैल को लॉकडाउन में ढील से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए थे। इसमें बताया गया था कि 20 अप्रैल से किन गतिविधियों की इजाजत होगी। उसमें यह भी था कि ग्रामीण इलाकों में औद्योगिक गतिविधियां कुछ शर्तों के साथ शुरू की जा सकती हैं। सोमवार से कुछ औद्योगिक इकाइयां खुली हैं, लेकिन अभी उनमें उत्पादन बहुत कम हो रहा है। ऑटोमोबाइल समेत कई इंडस्ट्री में तो अभी प्रोडक्शन शुरू ही नहीं हुआ है।