ज्ञानवापी हिंदुओं को सौंपने की मांग वाली याचिका पर सोमवार को वाराणसी जिला कोर्ट और फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई। पहले कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के दावे पर आपत्तियां दर्ज कराईं। दो घंटे की सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले को 4 जुलाई तक टाल दिया है। अगली तारीख पर हिंदू पक्ष अपनी दलीलें रख सकता है।
श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन और अन्य विग्रहों के संरक्षण के लिए दाखिल वाद की पोषणीयता (सुनने योग्य है या नहीं) पर अदालत में कमेटी की ओर से दलीलें पिछली तारीख (26 मई) पर जारी रही थीं। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में कमेटी की तरफ से अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने दलीलें रखी थीं। समयाभाव के चलते जिला जज ने इसे जारी रखते हुए 30 मई की तारीख तय की थी। अभी तक इस मामले में हिंदू पक्ष ने अपनी दलीलें नहीं रखी हैं।
विश्व वैदिक सनातन संघ की याचिका जिस पर पूरे ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को देने की मांग की गई है, उस याचिका पर फास्टट्रैक सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन में सुनवाई शुरू हो चुकी है। हिंदू पक्ष के वकील वकील विष्णु जैन ने कहा कि अंजुमन इंटेजेमिया मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई, जिसमें हिंदू महिलाओं द्वारा दायर एक मुकदमे की सुनवाई को चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया है कि इसे पूजा स्थल अधिनियम द्वारा 4 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया है।