रोहतक की सुनारिया जेल से इन दिनों पैराेल पर गुड़गांव के मेंदाता अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम फिर से सुर्खियों में हैं। पिछले एक महीनें में राम रहीम को जेल से तीसरी बार पैराेल दी गई है। पहली बार उसे दिल की बीमारी संबंधी जांच के लिए एक दिन की पैराेल दी गई थी। दूसरी बार अपनी बीमार मां से मिलने गुड़गांव के एक अस्पताल जानेे को 12 घंटे की पैराेल दी गई थी। गुरमीत राम रहीम पिछले काफी समय से ब्लड प्रेशर व मधुमेह से पीड़ित है। इसके उपचार के िलए उसे 12 मई व 3 जून को पीजीआई रोहतक ले जाया गया।
कोरोना संक्रमित होने पर एकांतवास में उपचार के लिए रामरहीम की पैराेल अवधि 14 दिन की है। 6 जून की दोपहर करीब 12 बजे गुड़गांव के मेदांता अस्पताल के कोविड वॉर्ड में भर्ती कराने से पहले राम रहीम को पेट दर्द की शिकायत पर पीजीआई रोहतक में ले जाया गया जहां प्रारंभिक उपचार से पहले पीजीआई प्रशासन द्वारा सीटी स्कैन,एंजियोग्राफी समेत और भी जांच करने के बाद कोराना की जांच से राम रहीम ने इंकार कर दिया। इंकार के बाद जेल प्रशासन राम रहीम को ले गुड़गांव के मेंदाता अस्पताल पहुंचा जहां राम रहीम कोरोना जांच में पॉजिटिव पाए जाने पर भर्ती कर लिया गया।
6 जून को मेदांता में दाखिल होते ही राम रहीम हनीप्रीत से मिलने की जिद्द पर अड़ गया कि उसे एक निजी अटेंडेंट चािहए। इस पर उसने अपनी पत्नी,बेटे या बेटी की बजाय हनीप्रीत का नाम लिया। जेल प्रशासन ने इंकार कर िदया पर अस्पताल प्रशासन ने इसकी मंजूरी देेकर बकायदा हनीप्रीत का बतौर अटेंडेंट पास भी जारी कर दिया। अगले ही दिन 7 जून की सुबह उसकी कथित मुंहबोली बेटी हनीप्रीत मिलने के लिए पहुंच गई। मेदांता अस्पताल प्रशासन ने हनीप्रीत को राम रहीम की अटेंडेंट बना 15 जून तक का उसका बतौर अटेंडेंट पास भी जारी कर दिया। इस तरह से राम रहीम और हनी का 25 सिंतबर की रात रोहतक की सुनारिया जेल से हुए विच्छेद करीब चार साल बाद फिर से जुड़ा।
जेल प्रशासन सूत्रों मुताबिक हनीप्रीत बतौर अटेंडेंट राम रहीम से मिलने उनके कमरे में रोज जाती है। कोेराना संक्रमित बाबा राम रहीम और हनीप्रीत के इस मिलन पर अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए है कि कैसे एक अटेंडेंट कोरोना संक्रमित से उसके कमरे में जाकर मिल सकता है? हालांकि अस्पताल प्रशासन बाबा और हनीप्रीत के मिलने की पुष्टि नहीं कर रहा है। बताया जा रहा है कि संक्रमित पाए जाने के चौथे दिन ही राम रहीम की कोरोना रिपोर्ट 9 निगेटिव आ गई है।
राम रहीम को मैडिकल पैरोल के मामले को लेकर हरियाणा जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए सिरसा के दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेट अंशुल छत्रपति ने पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर मांग की है कि राम रहीम मैडिकल पेराेल के नाम पैराेल नियमों के उल्लंघन की जांच हो। छत्रपति ने कहा डेरा प्रमुख को बीमारी के बहाने पैरोल दी जा रही है। कभी उसकी माता के नाम पर कभी उसके खुद के नाम पर । अंशुल का कहना है कि राम रहीम को लंबी अवधि का पैरोल देने के लिए जेल प्रशासन भूमिका बना रहा है। राम रहीम को लंबी पैराेल को प्रदेश की कानून व्यवस्था के लिए खतरा बताते हुए अंशुल का कहना है कि अगस्त 2017 में हनीप्रीत को पंचकूला में राम रहीम की पंचकूला कोर्ट में पेशी दौरान हुए दंगों की प्रमुख साजिशकर्ता बताया था जबकि बाद में केस कमजोर कर हनीप्रीत को रिहा कर दिया। राम रहीम पर अंशुल के पिता पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या का आरोप है।