दिल्ली हाईकोर्ट आज आम आदमी पार्टी के अयोग्य करार दिए गए विधायकों की ओर से दायर नई याचिका पर केंद्र और चुनाव आयोग से छह फरवरी तक जबाव मांगा है। साथ ही चुनाव आयोग को कहा है कि वह अगली सुनवाई तक उपचुनाव के लिए किसी तरह की अधिसूचना जारी न करे। अब मामले में सोमवार को सुनवाई होगी। विधायकों ने याचिका में केंद्र की उस अधिसूचना को चुनौती दी है जिसमें लाभ का पद मामले में उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया है।
आप विधायकों की ओर से नई याचिकाएं उनकी पिछली याचिकाओं के खारिज हो जाने के एक दिन बाद दायर की गईं हैं। इनमें कहा गया है कि राष्ट्रपति और चुनाव आयोग ने इस बारे में फैसला लेने में अनुचित जल्दबाजी दिखाई है। इन विधायकों की संसदीय सचिव के पद पर नियुक्ति को लाभ का पद ठहराया गया था। उन्होंने दावा किया है कि उनकी अयोग्यता के बारे में अपनाई गई प्रक्रिया में उनके पक्ष को नहीं सुना गया जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत है।
मालूम हो कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था। इसके खिलाफ वकील प्रशांत पटेल ने चुनाव आयोग में अर्जी दायर की थी। इनमें से एक विधायक जरनैल सिंह ने इस्तीफा दे दिया है जिसके बाद ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में विधायकों की संख्या घटकर बीस रह गई । चुनाव आयोग ने बीते 19 जनवरी को आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को लाभ का पद को लेकर अयोग्य ठहराने के लिए राष्ट्रपति को अपनी सिफारिश भेजी थी जिसे राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया था।