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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- देश में डेल्टा प्लस के 22 मरीज, नौ देशों में इसका खौफ, राज्यों को लिखा पत्र

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश भर में कोविड -19 की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। बावजूद इसके...
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- देश में डेल्टा प्लस के 22 मरीज, नौ देशों में इसका खौफ, राज्यों को लिखा पत्र

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश भर में कोविड -19 की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। बावजूद इसके सभी के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना अभी भी अनिवार्य है। देश में अब तक डेल्टा प्लस कोविड संस्करण के 22 मामलों का पता चला है, जिनमें से 16 महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव में सामने आए हैं। शेष मामले मध्य प्रदेश और केरल में दर्ज किए गए। मंत्रालय ने इसे लेकर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल को पत्र लिखा है। डेल्टा वैरिएंट इस समय 80 देशों में है, डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले नौ देशों में पाए गए हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि देश ने 7 मई को दूसरी लहर के चरम की तुलना में कोविड -19 मामलों की संख्या में लगभग 90 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। देश में वैक्सीनेशन का नया रिकॉर्ड बना है।  21 जून को 88 लाख से ज्यादा डोज लगाई गई।

डेल्टा वेरिएंट पर कोरोना रोधी वैक्सीन कितनी कारगार है, इस सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मोटे तौर पर दोनों वैक्सीन जो हम कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम में उपयोग कर रहे हैं। कोविशील्ड) और कोवैक्सीन डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं। लेकिन वे किस हद तक और किस अनुपात में एंटीबॉडी का उत्पादन करती हैं, जिसे हम जल्द ही आपके साथ साझा करेंगे। डेल्टा प्लस वेरिएंट जिन 9 देशों में पाया गया है,उसमें अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस आदि हैं।

मंत्रालय ने कहा कि अब तक 29 करोड़ से अधिक वैक्सीन वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। जिन लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है, उनमें से 53 फीसदी पुरुष और 46 फीसदी महिलाएं हैं। कोविन एप में ट्रांसजेंडर का विकल्प भी दिया गया है। 63.68 फीसदी वैक्सीनेशन ग्रामीण इलाकों और 36.32 फीसदी शहरी इलाकों में किया गया है। 17 लाख से अधिक डोज के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद कर्नाटक, यूपी, बिहार, हरियाणा, गुजरात और राजस्थान का नंबर आता है।

सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश में रिकवरी रेट 96 फीसदी पहुंच चुका है. वीके पॉल ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन की रफ्तार अच्छी है। जब कोरोना बार-बार रूप बदल रहा है। इसकी नई लहर जब आएगी तब वैक्सीन नहीं लगे होने पर हम इसकी चपेट में आएंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय मिलकर एक वैश्विक वेबिनार की योजना बना रहे हैं। इस वेबिनार में ऐसे संभावित इच्छुक देशों को आमंत्रित किया जाएगा और हम उनके साथ प्रौद्योगिकी और समाधान साझा करने के इच्छुक होंगे।

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