गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल के ऑक्सीजन कांड में निलंबित बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान ने शनिवार को कहा कि आरोपों से मुक्त किए जाने के बाद मुझे उचित सम्मान के साथ बहाल किया जाना चाहिए और मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
दिल्ली में एक प्रेस कॉफ्रेस में डॉक्टर कफील खान ने दोहराया कि उत्तर प्रदेश सरकार को मरने वाले बच्चों के परिवारों से माफी मांगनी चाहिए और परिजनों को मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा, "विभागीय जांच से पता चला है कि मैंने कोई भी लापरवाही नहीं की और न ही किसी भ्रष्टाचार में लिप्त रहा। 'कातिल कफील' और 'कुख्यात डॉक्टर कफील' का यह टैग अब मेरे सिर से हट गया है।" उन्होंने कहा, "मैं मांग करता हूं कि मुझे उचित सम्मान के साथ नौकरी में बहाल किया जाए और मामले की सीबीआई जांच हो।"
ऑक्सीजन की कमी से हुई थी बच्चों की मौत
10 अगस्त, 2017 की रात 30 और अगले कुछ दिनों के दौरान करीब 34 बच्चों की मौत हो गई। राज्य सरकार का आरोप था कि सप्लायर को भुगतान न किए जाने के कारण ऑक्सीजन सप्लाई नहीं हो पाई थी जिसके कारण 10 अगस्त की रात को कथित तौर पर इन शिशुओं की मौत हो गई। डॉक्टर कफील खान पर लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया और उन्हें निलंबित कर दिया गया। बाद में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में हुई मौतों पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनका निलंबन रद्द किया जाना अभी बाकी है।
सरकार ने क्लीनचिट का दावा किया खारिज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक सलाहकार ने हालांकि शुक्रवार को कहा था कि जांच में इस आरोप को खारिज नहीं किया गया है कि डॉक्टर कफील निजी प्रैक्टिस भी करते थे। मृत्युंजय कुमार ने एक बयान में कहा, "यह कहना सही नहीं है कि डॉक्टर कफील को विभागीय जांच में क्लीन चिट मिल गई है। उन्होंने रिपोर्ट का गलत निष्कर्ष निकाला है।"