वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए कर्ज के मामले में जांच के आदेश के बाद से ही छुट्टियों पर चल रही आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर के मामले में बैंक ने उन खबरों पर सफाई दी है जिनमें कहा जा रहा था कि उन्हें छुट्टियों पर भेज दिया गया है। बैंक ने कहा है कि वह अपनी सालाना छुट्टियों पर हैं, जो कि उन्होंने काफी पहले ही प्लान की थी।
आईसीआईसीआई बैंक के प्रवक्ता ने इस बात से भी इंकार किया है कि जिसमें कहा रहा था कि बोर्ड ने चंदा कोचर के उत्तराधिकारी की तलाश करने के लिए कमेटी का गठन किया है। चंदा कोचर करीब एक दशक से आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।
स्वतंत्र जांच होगी
आईसीआईसीआई के निदेशक मंडल ने बुधवार को चंदा कोचर के खिलाफ लगे आरोपों की स्वतंत्र जांच के आदेश दिए थे। बैंक की तरफ से शेयर बाजार को दी गई जानकारी में कहा गया था कि जांच किसी स्वतंत्र और विश्वनीय व्यक्ति के नेतृत्व में होगी। जांच का दायरा विस्तृत होगा और जांच के दौरान सामने आए सभी तथ्यों और संबंधित मामलों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इसमें फॉरेंसिक और ई-मेल की समीक्षा और संबंधित व्यक्तियों के बयान भी दर्ज किए जा सकते हैं।
कर्ज में फायदा पहुंचाने का है आरोप
चंदा कोचर पर वीडियोकॉन समूह के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को गलत तरीके से 3,250 करोड़ का कर्ज देने का आरोप है। धूत ने बाद में इस रकम का 10 फीसदी हिस्सा उन कंपनियों में लगाया जिन्हें चंदा के पति दीपक कोचर चला रहे थे। बाद में धूत को दिए कर्ज में से 2,810 करोड़ रुपये आईसीआईसीआई बैंक ने एनपीए) घोषित कर दिए यानी ऐसी रकम जो वसूली नहीं जा सकती। चंदा कोचर के कार्यकाल में ही आईसीआईसीआई बैंक पर यह आरोप भी लगा कि उसने सरकारी बॉन्ड्स को बेचने में नियमों का पालन नहीं किया। इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने आईसीआईसीआई पर 58 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था।